फोटो है 4 में कैप्सन : घटना स्थल पर जुटी ग्रामीणों की भीड़ रोक थाम के लिए परिवहन विभाग नहीं उठा रहा कोई कारगर कदम घाट पर भी उपलब्ध नहीं रहती है जरूरी सामग्री खगडि़या. बीते शनिवार की देर शाम कोसी नदी की उपधारा में नाव के डूबने के बाद एक बार फिर से फुलतौड़ा नाव हादसा की याद को ताजा कर दिया. वहां भी दुर्घटना ओवर लोडिंग की वजह से हुई थी. ओर 62 लोगों की जान असमय ही काल के गाल में समा गयी थी. यहां भी घटना का हो न हो यही कारण होगा. हालांकि अभी तक नौका हादसा के पुख्ता कारणों का पता नहीं चल पाया है. बताया जाता है कि इस हादसे में भी चार लोग लापता बताये जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार जिले में सात-सात नदियां बहती है. ऐसे में जिले की आधी आबादी नदी पार ही रहने को मजबूर है. यानी किसी न किसी कारण से लोगों का नाव पर चढ़ना ही पड़ता है. लेकिन लोग थोड़ी जल्दी में अपनी जान को आफत में डाल देते हैं. बताया जाता है कि नौका परिचालन में जिस सुरक्षा मानक का पालन होना चाहिए. वह यहां नहीं हो पा रहा है. जिस कारण ऐसे हादसे लगातार हो रहे हैं. लेकिन इसके रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. जबकि एक कारगर कदम ऐसी घटना पर विराम लगाने के लिए काफी है. लोगों का कहना है कि हादसा होने के बाद अधिकारी कहीं भी पहुंच जाते हैं. अगर व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए यही दौरा अधिकारी करते रहे तो शायद ऐसी घटना ही न हो.
नौका परिचालन में जारी है सुरक्षा मानक की अवहेलना
फोटो है 4 में कैप्सन : घटना स्थल पर जुटी ग्रामीणों की भीड़ रोक थाम के लिए परिवहन विभाग नहीं उठा रहा कोई कारगर कदम घाट पर भी उपलब्ध नहीं रहती है जरूरी सामग्री खगडि़या. बीते शनिवार की देर शाम कोसी नदी की उपधारा में नाव के डूबने के बाद एक बार फिर से फुलतौड़ा […]
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