खगड़िया/गोगरी: जिले में खाद्य सुरक्षा नियम लागू होने के बाद भी जनवितरण प्रणाली व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है़ हालांकि एसएफसी की उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही के कारण पहले से ही जन वितरण प्रणाली की व्यवस्था बिगड़ी है़ खाद्य सुरक्षा नियम लागू होने के बाद लोग इस व्यवस्था में सुधार की उम्मीद लगाये बैठे थे.
जो अब निराशा में बदल गई है़ हालांकि इसके सुधार के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है. सरकारी स्तर पर फरवरी 2014 में खाद्य सुरक्षा नियम लागू किया गया तथा फरवरी से ही खाद्य सुरक्षा नियम के तहत राशन कार्ड धारियों को खाद्यान्न की आपूर्ति होने लगी थी. लेकिन फरवरी 15 के अंत तक भी तक लाभुकों को शत प्रतिशत इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है़ जानकारी के अनुसार डीलर अभी एसएफसी से फरवरी 15 का ही खाद्यान्न उठाव कर रहे हैं.
क्या है खाद्य सुरक्षा नियम
जन वितरण प्रणाली में हो रही गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिये खाद्य सुरक्षा नियम के अंतर्गत सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी की सेवा प्रारंभ की. जिसके तहत डोर स्टेप डिलीवरी के संवेदक द्वारा गोदाम से खाद्यान्न का उठाव कर डीलर के घर तक पहुंचाना है. जिसके तहत डोर स्टेप डिलीवरी में उपयोग में लाने वाली सभी ट्रैक्टर में जीपीएस सिस्टम लगा होना चाहिए. जिसके तहत एसएफसी के कंट्रोल रूम द्वारा गाड़ियों पर नजर रखी जा सके. परंतु अब तक इस नियम का पालन नहीं हो पा रहा है.
डीलर खुद एसएफसी के गोदामों पर पहुंच कर अपना खाद्यान्न बिना जीपीएस की गाड़ी पर लाद कर ले जाते हैं. डीलरों ने बताया कि डोर स्टेप डिलीवरी के संवेदक द्वारा समय पर खाद्यान्न उनके दुकान तक नहीं पहुंचाया जाता है. जिसके कारण उन्हें उपभोक्ताओं के कोप का भाजन बनना पड़ता है. इसलिए वे खुद गोदामों पर जाकर अपनी गाड़ी पर खाद्यान्न को लाद कर दुकान तक ले जाते हैं. और फिर उपभोक्ताओ के बीच खाद्यान्न का ससमय वितरण नियमानुसार किया जा सके. डीलरों को होम डिलेवरी देने वाले संवेदक के गायब रहने के कारण डीलरों को खाद्यान्न आपूर्ति हीं नहीं हुई़.
वर्तमान में क्या है स्थिति
वर्तमान में लाभुकों के बीच राशन कार्ड वितरण की जा चुकी है़ हालांकि क्षेत्र में राशन कार्ड से कई लोग वंचित हैं उन्हें अब लाभ दिया जा रहा है. वहीं बात संवेदक द्वारा डीलरों को होम टू होम डिलेवरी की करें तो डीलरों को अब भी खाद्यान्न की होम डिलेवरी सही तरीके से नहीं हो रही है़ हां, अधिकारीयों के पहल बाद डीलर द्वारा खुद किसी तरह मार्च माह का खाद्यान्न उठाव करना पड़ा है़.
कहते हैं डीलर
क्षेत्र के डीलर अपनी डपली अपना राग अलापने से पीछे नहीं हट रहे हैं़ डीलरों के अनुसार उदासीनता के कारण उन्हें एक तरफ जहां लाभुकों के कोप का भाजन होना पड़ता है वहीं खाद्यान्न उठाव हेतु अग्रिम राशि ड्राफट्र जमा करना पड़ता है. जिससे उनकी बड़ पूंजी फंस जाती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सदर एसडीओ सुनील तथा गोगरी एसडीओ संतोष कुमार के अनुसार खाद्य सुरक्षा नियम के तहत लाभुकों को कार्ड वितरण हो चुका है. जहां से भी खाद्यान्न नहीं मिलने की शिकायत आती है, वहां जांच के बाद कार्रवाई की जाती है. फिलवक्त लोगों को फरवरी व मार्च माह का खाद्यान्न दिया जा रहा है.