खगड़िया : फरकिया के कैम्ब्रिज कोशी कॉलेज का नैक पीयर टीम द्वारा मूल्यांकन किया जा चुका है. मूल्यांकन के बाद कॉलेज प्रशासन ने कम से कम बी प्लस ग्रेड मिलने की उम्मीद लगा कर बैठे हैं. बुधवार को कॉलेज परिसर में प्राचार्य व प्राध्यापकों के बीच नैक पीयर टीम द्वारा किये गये मूल्यांकन पर चर्चा की गयी.
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फरकिया के कैम्ब्रिज को बी प्लस ग्रेड मिलने की उम्मीद लगा रखा है कॉलेज प्रशासन
खगड़िया : फरकिया के कैम्ब्रिज कोशी कॉलेज का नैक पीयर टीम द्वारा मूल्यांकन किया जा चुका है. मूल्यांकन के बाद कॉलेज प्रशासन ने कम से कम बी प्लस ग्रेड मिलने की उम्मीद लगा कर बैठे हैं. बुधवार को कॉलेज परिसर में प्राचार्य व प्राध्यापकों के बीच नैक पीयर टीम द्वारा किये गये मूल्यांकन पर चर्चा […]
नैक टीम के समक्ष प्रस्तुत किये गये कॉलेज की उपलब्धियों पर होने वाली मूल्यांकन की चर्चा हुई. प्राचार्य ने नैक टीम द्वारा किये गये सराहना की उपलब्धि बताते हुए कहा कि कोशी कॉलेज को ए ग्रेड मिलना चाहिए. लेकिन संसाधन के अभाव में कुछ त्रुटियों के कारण बी प्लस ग्रेड मिलने की उम्मीद है.
प्राध्यापकों ने प्राचार्य को कहा कि जो तैयारी हमलोग बीते एक माह से कर रहे थे यदि वहीं तैयारी दो वर्षों से किया जाता तो कोशी कॉलेज को ए प्लस ग्रेड मिलना तय हो जाता. उल्लेखनीय है कि बीते 6 व 7 दिसम्बर को बैंगलुरू से नैक पीयर टीम कोशी कॉलेज का मूल्यांकन करने पहुंची थी.
टीम में शामिल नैक टीम के अध्यक्ष कर्नाटक के डाॅ गजानंद आर नायक,महाराष्ट्र के डाॅ एफसी रघुवंशी, राजस्थान के डाॅ विजय वल्लभ ने कॉलेज का मूल्यांकन किया. मूल्यांकन के दौरान नैक टीम के सदस्यों ने सवाल भी खड़े किये. कुछ अच्छे कार्य को देखकर सराहना भी किया. लेकिन जाते जाते नैक पीयर टीम यह भी कह कर गये भविष्य में कॉलेज की कमियों को दूर करे.
नैक टीम ने की सराहना : कोशी महाविद्यालय के मूल्यांकन के दौरान नैक टीम ने कॉलेज में चल रहे लैंग्वेज लैब की सराहना की. नैक टीम के अध्यक्ष डाॅ गजानंद आर नायक ने छात्रों से संवाद के दौरान कहा कि कॉलेज में लैंग्वेज लैब अच्छी है. इसका फायदा छात्रों को मिलेगा. मालूम हो कि कोशी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में प्राध्यापक डाॅ तौसिफ मोहसीन द्वारा बीते दो वर्ष पूर्व लैंग्वेज लैब तैयार किया गया था. जिसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया था. लैग्वेज लैब में 20 कम्प्यूटर लगाये गये थे.
लैग्वेज लैब में छात्रों को अंग्रेजी लैंग्वेज की जानकारी दी जाती है. उच्चारण के तरीके की जानकारी दी जा रही है. नैक टीम के अध्यक्ष व सदस्यों ने लैग्वेज लैब पहुंचकर स्वयं जांच किया और छात्रों से जानकारी ली. नैक टीम के सदस्यों ने छात्रों को लैंग्वेज लैब से फायदा उठाने को कहा. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी विभाग में अच्छे प्राध्यापक हैं.
नैक टीम के सदस्यों ने हिन्दी विभाग पहुंचकर छात्रों से पूछताछ की. हिन्दी विभाग के उपलब्धियों की जानकारी मांगी. विभागध्यक्ष डाॅ कपिलदेव महतो द्वारा रचित पुस्तक दिखाया गया. पुन: नैक टीम इतिहास विभाग पहुंचकर जानकारी ली. उन्होंने हिन्दी व इतिहास विभाग की भी सराहना की.
नैक टीम ने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट में पाया अंतर : नैक टीम मूल्यांकन से पहले कोशी कॉलेज प्रशासन द्वारा सेल्फ स्टडी रिपोर्ट भेजकर बताया गया था कि कॉलेज में अत्याधुनिक पुस्तकालय, विज्ञान विभाग, लघु शोध, छात्रावास, वर्ग कक्ष, कॉमन रूम, साईकिल स्टैंड, शौचालय आदि की उत्तम व्यवस्था हैं. लेकिन जांच के दौरान रिपोर्ट हवा हवाई होने लगा.
छात्रों के कॉमन रूम से मृत पशुओं का दुर्गंध आ रहा था. छात्राओं के कॉमन रूम में बैठने की व्यवस्था नहीं थी. महिला शौचालय तक नहीं था. दिव्यांग के लिए मूत्रालय, छात्र छात्राओं के लिए पेयजल की व्यवस्था भी नहीं था. एसएसआर में भेजी गयी अधिकांश सूचनाएं धरातल पर नहीं था. कम्प्यूटर लैब,ई लाईब्रेरी, जिम्ना जियम, रेन हार्वेस्टिंग, वेस्ट मेनेजमेन्ट, सिस्टम, कैंटीन,योगा सेंटर, स्मार्ट क्लासेज,एनएसएस ,गार्डेन आदि कल्पित सूचनाएं भेजी गयी थी.
यहां तक आईक्यू एसी का रजिस्टर भी पीयर टीम को दिखाने में असर्मथता व्यक्त किया गया.नैक टीम ने आईक्यूएसी गठन को ही अवैध घोषित कर दिया. क्योंकि नैक द्वारा निर्धारित सदस्य जो होना चाहिए व नहीं था. नैक टीम द्वारा आईक्यूएसी के कॉडिनेटर को प्रत्येक माह बैठक की रिपोर्ट भेजने को कहा.
शिक्षा का बदल गया स्वरूप : दिसंबर के अंत तक कॉलेज की ग्रेडिंग का पता चल पायेगा. नैक टीम के अध्यक्ष ने प्राचार्य व प्राध्यापकों को कहा कि शिक्षा का स्वरूप बदल गया है. कॉलेज के पास बड़ा कैंपस,ओबीसी हॉस्टल,लैंग्वेज लैब है. इधर ग्रेडिंग के बहाने कॉलेज की साफ सफाई दिखने लगा है. लेकिन पढ़ाई की स्थिति वही है.
नहीं मिला ग्रेड तो रुक सकता है कॉलेज ग्रांट
नैक टीम द्वारा कोशी कॉलेज का मूल्यांकन किया जा चुका है. कॉलेज में मूल्यांकन को लेकर चर्चा की जा रही है. जिस तरह नैक टीम द्वारा नसीहत दी गयी है. उस स्थिति में ग्रेड मिलने की संभावना पर चर्चा करना लाजमी है. कॉलेज के कुछ विभाग को छोड़ अधिकांश विभागों की उपलब्धियों नगन्य रही.
आईक्यूएसी के कोडिनेटर द्वारा प्रस्तुत किये गये रिपोर्ट, कॉलेज प्रशासन द्वारा भेजी गयी एसएसए रिपोर्ट में असामनता से यह भी अनुमान भी लगाया जा रहा है. ग्रेड की क्या स्थिति होगी. यदि नैक टीम द्वारा रिपोर्ट सही नहीं किया गया तो कॉलेज को यूजीसी द्वारा मिलने वाला ग्रांट डूब जायेगा. शिक्षकों को कोई शोध परियोजना का लाभ नहीं मिलेगा. ना कोई सेमिनार व वर्कशॉप आयोजन के लिए राशि मिलेगी. कॉलेज को काली सूची डाला जा सकता है.
चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के सहारे चलता है भौतिकी व रसायन विभाग
नैक टीम के सदस्यों द्वारा विज्ञान विभाग का मूल्यांकन किया गया. इस दौरान टीम के सदस्यों ने प्राचार्य से पूछा भौतिकी विभाग, रसायन विभाग में जब प्राध्यापक नहीं है तो नामांकन क्यों लिया जाता है.
जब नामांकन लिया जाता है तो बच्चे पढ़ते कैसे हैं. प्राचार्य ने टीम के सदस्यों को बताया कि सेल्फ स्टडी कर छात्र 12वीं,बीएससी,एमएसी पास कर रहे हैं. तभी टीम के अध्यक्ष डाॅ गजानंद नायक ने पूछा सेल्फ स्टडी कर जब बच्चे पढ़ाई पूरी कर लेते हैं तो फिर प्रायोगिक कक्षा कैसे चलता है. प्राचार्य ने बताया कि चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के सहारे प्रायोगिक कक्षा चलता है. नैक टीम विज्ञान विभाग व मनोविज्ञान विभाग देखकर असंतुष्ट हो गये थे.
नैक टीम ने कहा, आप स्वयं करें मूल्यांकन
नैक टीम ने मूल्यांकन से संबंधित एक बंद लिफाफा प्राचार्य को सौंप दिया. टीम के अध्यक्ष ने प्राचार्य को कहा कि जब ग्रेडिंग की रिपोर्ट आ जायेगी तब लिफाफा को खोलकर देखेंगे. उन्होंने कहा कि आप लोग(प्राध्यापक व प्राचार्य) स्वयं मूल्यांकन करें. नैक टीम ने कहा कि मूल्यांकन से पहले आईक्यूएसी को दुरुस्त करना चाहिए था. कॉलेज प्रशासन द्वारा नैक टीम को अभिभावकों के साथ संवाद कराने की व्यवस्था नहीं की गयी. कॉलेज में गठित अधिकांश सेल का प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया. इसीलिए नैक टीम ने स्वयं मूल्यांकन करने की बात कही.
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