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लापरवाही बरतने पर हुई कार्रवाई डीडब्ल्यूओ के वेतन वृद्धि पर रोक

खगड़िया : अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा से चर्चा में रहे जिला कल्याण पदाधिकारी किशोर कुमार मिश्रा (पूर्व डीडब्लूओ) पर कार्रवाई हुई है. लापरवाही बरतने के कारण इन पर कार्रवाई की गई है. श्री मिश्रा के असंच्यात्मक प्रभाव से एक वेतन वृद्धि पर रोक सहित निंदन की सजा दी गई है. अपने खगड़िया कार्यकाल के […]

खगड़िया : अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा से चर्चा में रहे जिला कल्याण पदाधिकारी किशोर कुमार मिश्रा (पूर्व डीडब्लूओ) पर कार्रवाई हुई है. लापरवाही बरतने के कारण इन पर कार्रवाई की गई है. श्री मिश्रा के असंच्यात्मक प्रभाव से एक वेतन वृद्धि पर रोक सहित निंदन की सजा दी गई है. अपने खगड़िया कार्यकाल के दौरान लापरवाही बतरने पर यह कार्रवाई अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के द्वारा की गई है.

जानकार बताते हैं कि उक्त अधिकारी पर यह विभागीय कार्रवाई करने के पूर्व इन पर विभागीय कार्रवाई संचालित की गई थी. बता दें कि फिलहाल किशोर कुमार मिश्रा किशनगंज जिले में डीडब्लूओ के पद पर तैनात हैं. साल 2018 में इनका स्थानांतरण यहां से किशनगंज हुआ था.

डीएम ने की थी रिपोर्ट : उल्लेखनीय है कि छात्रवृति योजना की राशि भुगतान में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन डीएम जय सिंह ने डीडब्लूओ के विरुद्ध राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी थी.
बताया जाता है राज्य के बाहर पढ़ाई कर रहे छात्र बिजेन्द्र कुमार भारती एवं पुकार कुमार भारती को अनुसूचित जाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के तहत राशि मुहैया नहीं कराये जाने के कारण डीएम ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को रिपोर्ट भेजी थी.
काफी समय से छात्रवृति राशि के लिये कार्यालय के चक्कर काट रहे इन दोनों छात्र/अविभावक ने जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी. यहां से जारी हुए आदेश के अनुपालन में भी डीडब्लूओ ने गंभीरंता नही दिखाई थी. जिस पर तत्कालीन लोक शिकायत एडीएम विजय कुमार ने डीएम से उक्त लापरवाह पदाधिकारी पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
सुनवाई में डीडब्लूओ पाए गए दोषी : विभागीय जानकारी के मुताबिक लोक शिकायत एडीएम के अनुशंसा के बाद डीएम ने डीडब्लूओ पर प्रपत्र क गठित कर राज्य स्तर पर रिपोर्ट भेजी थी.
जहां सुनवाई के दौरान इनसे स्पष्टीकरण की भी मांग की गई. सूत्र के मुताबिक विभाग स्तर पर हुई समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कार्यालय के प्रधान होने के नाते छात्रवृत्ति भुगतान के लिये प्राप्त आवेदनों की जांच से लेकर समीक्षा तक का मूल दायित्व किशोर कुमार मिश्रा की थी.
जिसका निर्वहन उन्होंने सही तरीके से नहीं किया. समीक्षा के बाद विभाग ने कार्यालय प्रधान होने के नाते श्री मिश्रा से प्रशासनिक चूक का दोषी पाया. जिसके बाद उन्हें भविष्य के लिये सचेत करते हुए बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत इन पर कार्रवाई की गयी है.

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