सीआइ व राजस्व कर्मचारी ने दिया था भ्रामक बासगीत पर्चा का प्रस्ताव
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सदर सीओ, सीआइ राजस्व कर्मी पर दिया कार्रवाई करने का निर्देश
सीआइ व राजस्व कर्मचारी ने दिया था भ्रामक बासगीत पर्चा का प्रस्ताव दोनों कर्मियों के गलत रिपोर्ट के कारण सीओ पर भी गिरी गाज खगड़िया : सदर सीओ नौशाद आलम, सीआई संजय कुमार सहित मथुरापुर हल्का के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी मनोहर प्रसाद कार्रवाई के लेपेटे में आने के बाद मुश्किल में फंस गए हैं. डीएम […]
दोनों कर्मियों के गलत रिपोर्ट के कारण सीओ पर भी गिरी गाज
खगड़िया : सदर सीओ नौशाद आलम, सीआई संजय कुमार सहित मथुरापुर हल्का के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी मनोहर प्रसाद कार्रवाई के लेपेटे में आने के बाद मुश्किल में फंस गए हैं. डीएम ने इन तीनों पर आरोप-पत्र (प्रपत्र क) गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी किये गए हैं. विभागीय सूत्र के मुताबिक डीएम ने एडीएम को सदर सीओ के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने की जिम्मेवारी सौंपी है. सीआई एवं राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध तीन दिनों के भीतर प्रपत्र क गठित कर जिला स्तर पर भेजने का आदेश सीओ को दिया गया है.
बताया जाता है कि भूमिहीन को मिलने वाले बासगीत परचा के भ्रामक व गलत प्रस्ताव देने के कारण डीएम ने इन तीनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी किये हैं. जानकारी के मुताबिक जमीन का बासगीत परचा का प्रस्ताव गलत व भ्रामक दिए गए थे. जिसका अंतिम समय में खुलासा हो गया. प्रस्ताव मथुरापुर हल्ला के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी व सीआई ने दिए थे. लेकिन मामले के खुलासे के बाद सीओ भी कार्रवाई के लपेटे में आ गए हैं. सीओ पर बगैर निरीक्षण के डीएम को प्रतिवेदन भेजने एवं मामले को हल्के में लेने का आरोप है.
जमीन की गलत रिपोर्ट देकर किया गुमराह
मथुरापुर के सोनवर्षा गांव के भूमिहीन ब्रजेश कुमार ने जमीन का परचा की मांग करते हुए आवेदन दिया था. इनका दावा था कि भूमिहीन होने के कारण वर्षों से उक्त जमीन पर रह रहें है. इसलिए उन्हें उस जमीन का बासगीत परचा दिया जाए. इनके मांग पर केसी व सीआई से रिपोर्ट ली गई. अमीन से जमीन की मापी कराई गई. बताया जाता है कि सारी प्रकिया पूरी हो चुकी थी. बस परचा पर कर्मचारी सहित अन्य लोगों के सिर्फ हस्ताक्षर होने बाकी थे.
लोक शिकायत अधिनियम के तहत डीएम के पास इस मामले की सुनवाई चल रही थी. पिछली सुनवाई में सीओ ने उपस्थित होकर डीएम को यह जानकारी दी थी कि राजस्व कर्मचारी का परचा पर हस्ताक्षर होना बाकी है. फिलहाल कर्मचारी अवकाश पर हैं. सीओ ने डीएम से परचा निर्गत करने के लिए थोड़ा समय मांगा था. सूत्र बतातें हैं कि इन्हें समय दे दिया गया.
राजस्व कर्मचारी ने हस्ताक्षर से किया इंकार
इधर, वर्तमान राजस्व कर्मचारी ने उस परचे पर हस्ताक्षर करने से यह कह कर मना कर दिया कि प्रस्तावित जमीन की भू-अर्जन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इस जमीन का बासगीत परचा जारी करना नियम के विपरीत बताते हुए कर्मचारी कुमारी गंगा ने सीओ से मार्गदर्शन की मांग की. वर्तमान राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि पूर्व में भेजी गई रिपोर्ट भ्रामक व गलत थी.
अगर बाबुओं ने स्थल पर जाकर रिपोर्ट तैयार किया होता तो शायद यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. डीएम ने पूरे खेल की जानकारी मिलने के बाद गलत प्रस्ताव भेजने वाले सीआई व कर्मचारी पर कार्रवाई के लिए आरोप गठित करने के आदेश जारी किया. जबकि बिना निरीक्षण के प्रतिवेदन देने के कारण सीओ पर भी गाज गिर गयी.
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