इंदिरा आवास को ले राज्य स्तर से सख्त आदेश जारी
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31 मार्च तक अधूरे आवास पूरे नहीं हुए, तो बीडीओ पर कार्रवाई
इंदिरा आवास को ले राज्य स्तर से सख्त आदेश जारी आवास सहायक से लेकर डीडीसी तक की जबावदेही तय हजारों अधूरे मकान को पूरा कराने में छूट सकते हैं पसीने खगड़िया : अधूरे इंदिरा आवास का हर हाल में 31 मार्च 2018 तक पूर्ण कराने के आदेश दिए गए है. आदेश का अनुपालन नहीं होने […]
आवास सहायक से लेकर डीडीसी तक की जबावदेही तय
हजारों अधूरे मकान को पूरा कराने में छूट सकते हैं पसीने
खगड़िया : अधूरे इंदिरा आवास का हर हाल में 31 मार्च 2018 तक पूर्ण कराने के आदेश दिए गए है. आदेश का अनुपालन नहीं होने यानी निर्धारित समय सीमा के भीतर अधूरे आवास का निर्माण पूर्ण नहीं हाेने की स्थिति पदाधिकारियों से लेकर कर्मियों पर कार्रवाई होगी. सूत्र के मुताबिक ग्रामीण आवास विभाग द्वारा अधूरे इंदिरा आवास को पूर्ण कराने को लेकर सख्त व स्पष्ट आदेश दिए गए है. कार्रवाई की जद में सबसे पहले प्रखंड के बीडीओ आएंगे.
अगर 31 मार्च तक अधूरे/निर्माणधीन आवास पूरे नहीं हुए तो बीडीओ नपेंगे. जिले के वरीय अधिकारी को साफ तौर आवास पूर्ण नहीं होने की स्थिति में इनके (बीडीओ) विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य स्तर पर करने को कहा गया है. इतना ही नहीं कार्रवाई की गाज ग्रामीण आवास सहायक पर भी गिरेगी. सूत्र के मुताबिक राज्य स्तर से जारी आदेश में यह साफ कर दिया गया है. आवास सहायक के सेवा विस्तार के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अधूरे आवास को पूर्ण कराने में ये सफल हुए या असफल. डीडीसी को आवास सहायकों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में अपने मंतव्य के साथ इस बात का उल्लेख करने को कहा गया है.
सभी को दी गयी जिम्मेदारी
अधूरे पड़े इंदिरा आवास को पूर्ण कराने के लिए जिला स्तर के अधिकारी से लेकर पंचायत स्तर के कर्मियों को जिम्मेवारी दी गई. सभी को साफ साफ शब्दों में हरहाल में 31 मार्च तक आवास पूर्ण कराने को कहा गया है. डीडीसी को जिला स्तर पर दिए गए टारगेट यानी अधूरे मकान को पूरा कराने के लिए कहा गया .है जबकि बीडीओ को प्रखंड दवा ग्रामीण आवास सहायक एवं पर्यवेक्षक को पंचायत स्तर पर अधूरा आवास को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कराने की जिम्मेवारी दी गई है. सभी को प्रत्येक सप्ताह निर्माण की समीक्षा करते हुए अपने वरीय पदाधिकारी को रिपोर्ट देने को कहा गया है. राज्य स्तर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि 31 मार्च के पश्चात निर्माणाधीन आवासों को पूर्ण कराने, लाभुकों की सहायता राशि का भुगतान रहने का मामला प्रकाश में आने पर देय आर्थिक बोझ की जिम्मेवारी डीडीसी की होगी.
हजारों घर हैं अधूरे
विभागीय जानकारी के मुताबिक राज्य स्तर से वित्तीय वर्ष 12-13 से लेकर 15-16 के बीच स्वीकृत इंदिरा आवास को पूर्ण कराने के आदेश दिए गए हैं. विभागीय आंकड़े के मुताबिक इस जिले में करीब 10 हजार या फिर इससे अधिक आवास अधूरे पड़े हुए हैं. राशि लेने के बाद भी लाभुक घर नहीं बना रहें है. उल्लेखनीय है कि अब इस योजना का नाम भी बदलकर बर्ष 16-17 से पीएम आवास योजना रखा जा चुका है.
एक सप्ताह में हो जांच
अक्सर यह देखा जाता रहा है कि घर का निर्माण पूर्ण कराने के बाद शेष बची प्रोत्साहन राशि के लिए लाभुकों को साहब के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते थे. बार बार उन्हें आवेदन देने पड़ जाते थे. लेकिन विभाग द्वारा जारी आदेश में साफ-साफ कहा गया है कि आवास पूर्ण कराने के बाद प्रोत्साहन राशि के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच व उसका निष्पादन एक सप्ताह के भीतर हो. आवास पूर्ण होने के पश्चात उसकी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर आवास सॉफ्ट पर अपलोड करने को कहा गया है. इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्यपालक सहायक की सेवा वापस कर दिए जाने के भी स्पष्ट आदेश दिए गए हैं.
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
31 मार्च तक हर हाल में अधूरे आवास को पूर्ण कराने के आदेश दिए गए है. सभी बीडीओ के माध्यम से सभी ग्रामीण आवास सहायकों को टारगेट दिये जा चूके हैं. अगर समय सीमा के भीतर अधूरे/निर्माणधीन आवास पूरे नहीं हुए तो आवास सहायक पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही बीडीओ के कार्य की भी मूल्यांकन होगी. उदासीनता बरतने की बातें अगर सामने आई तो उनपर भी होगी. घर नहीं बनाने वाले लाभुकों से भी योजना की राशि की वसूली जाएगी.
मुकेश कुमार सिन्हा, निदेशक डीआरडीए
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