फर्जी एलपीसी के आधार पर लिया केसीसी ऋण
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डेढ़ सौ से अधिक ऋण धारकों के विरुद्ध दर्ज होगा मुकदमा
फर्जी एलपीसी के आधार पर लिया केसीसी ऋण जांच में हुए खुलासे के बाद एसबीआइ ने थाने में दिया आवेदन फर्जी कागजात के आधार पर बैंक को लगाया था करोड़ों का चूना खगड़िया : सदर व अलौली अंचल के डेढ़ सौ से अधिक ऋण धारकों के विरुद्ध मुकदमा चलेगा. इन सभी लोगों पर जालसाजी करने […]
जांच में हुए खुलासे के बाद एसबीआइ ने थाने में दिया आवेदन
फर्जी कागजात के आधार पर बैंक को लगाया था करोड़ों का चूना
खगड़िया : सदर व अलौली अंचल के डेढ़ सौ से अधिक ऋण धारकों के विरुद्ध मुकदमा चलेगा. इन सभी लोगों पर जालसाजी करने का आरोप है. इन लोगों ने फर्जी कागजात के आधार पर करोड़ों रुपये का ऋण उठाकर बैंक को चूना लगाया है. मामला सामने आने के बाद अब इन सभी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है तथा सभी लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाना में आवेदन दिया गया है.
एसबीआइ जलकौड़ा का है मामला: ऋण फर्जीबाड़ा का मामला जलकौड़ा एसबीआइ शाखा से जुड़ा हुआ है.
यहां दो वर्ष पूर्व 168 लोगों ने फर्जी एलपीसी जमा कर एक करोड़ से अधिक का ऋण उठा लिया. ऋण वितरण के करीब ढ़ेड साल बाद गड़बड़ी की आशंका की बू आने के बाद जब एलपीसी का सत्यापन अंचल कार्यालय से कराया गया तो जांच में भेजे गये सभी 168 एलपीसी फर्जी पाये गये. अलौली एवं सदर अंचल के सीओ ने साफ-साफ रिपोर्ट दे दी कि ये एलपीसी उनके कार्यालय से जारी नहीं हुए हैं.
प्राथमिकी के लिए आवेदन: दोनों अंचलों के सीओ की रिपोर्ट के बाद एसबीआइ के वरीय अधिकारी ने फर्जी एलपीसी बनाकर बैंक को चूना लगाने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्णय लिया है. सूत्र के मुताबिक उच्च अधिकारी के आदेश पर वर्तमान शाखा प्रबंधक सौरभ कुमार सुमन ने गंगौर थाना में आवेदन देकर सभी 168 ऋणी पर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा है.
प्रभात खबर ने किया था खुलासा: फर्जी एलपीसी का खुलासा सबसे पहले प्रभात खबर ने किया था. अखबार ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि दर्जनों फर्जी एलपीसी के आधार पर अयोग्य लोगों को केसीसी ऋण दिये गये हैं. आज वो सभी दावे सही साबित हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि बीते दो वर्ष पूर्व वितरित केसीसी की जांच अब भी अधूरी है. अगर सभी एलपीसी की जांच हो तो अभी भी कम-से-कम दो सौ और एलपीसी फर्जी निकलेंगे.
केसीसी ऋण लेने के मामले में जिन पर होगी प्राथमिकी, उनमें अधिकतर भूमिहीन
जानकार बताते हैं कि अलौली एवं इसके सीमा क्षेत्र से सटे सदर प्रखंड के कुछ पंचायत को फर्जी एलपीसी बनाने का जनक कहा जाता है. यहां बिचौलिये का यह गोरखधंधा वर्षों से फल-फूल रहा है. कर्मचारी के पास रहने वाले फर्जी भोल्यूम, अंचल कार्यालय का मुहर सहित सभी सामग्री इनके पास उपलब्ध है. फर्जी एलपीसी के आधार पर इनका काम लोगों को ऋण दिलाना है. इनके टारगेट पर भोले-भाले लोग रहते हैं. जिन्हें ये बहला-फुसला कर ऋण दिलाते हैं और जमकर कमीशन खाते हैं.
जिन लोगों पर अभी प्राथमिकी हो रही है, उनमें से अधिकांश लोग भूमिहीन हैं. जिनके नाम पर पहले फर्जी एलपीसी बनाया गया फिर इनके नाम से ऋण स्वीकृत/निकासी करायी गयी. जानकार बताते हैं कि ऐसे ऋण वितरण में बिचौलिये ही नहीं, बैंक प्रबंधन की भी भूमिका रहती है. बैंक के बगैर रजामंदी से फर्जी एलपीसी पर ऋण स्वीकृत ही नहीं हो सकता. सूत्र के मुताबिक अलौली अंचल के शुम्भा, अलौली, सिमराहा, संझौती, गोरियामी, अहुना, सहसी, इमली, बहादुरपुर, सोकराही, रौन सहित कुछ अन्य गांवों के 134 तथा सदर अंचल के धुसमुरी विशनपुर, रमुनियां, रहुआ तथा एक ऋणी रामनगर मठ के है. जिनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराये जा रहे हैं.
बोले रिजनल मैनेजर
सभी एलपीसी की जांच के बाद यह पाया गया कि ये फर्जी थे. गलत जमीन के कागजात देकर इनलोगों ने केसीसी ऋण लिए थे. इस प्रकार के फर्जीवाड़े की अनदेखी नहीं की जा सकती है. सभी पर प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिये गये हैं. जलकौड़ा शाखा प्रबंधक द्वारा गंगौर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया जा चुका है. आगे भी अगर ऐसे मामले सामने आते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
मनोज कु सिन्हा, रिजनल मैनेजर,एसबीआइ
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