नगर परिषद के 26 वार्डों की सफाई के लिए 92 कर्मी कार्यरत
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शहर में खर्च लाखों की, सफाई बातों की
नगर परिषद के 26 वार्डों की सफाई के लिए 92 कर्मी कार्यरत पुरुष सफाई कर्मी 57 एवं महिला 24 कर्मी, प्रत्येक वार्ड में दो कर्मी प्रतिनियुक्त खगड़िया : नगर परिषद क्षेत्र में सफाई के नाम पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन शहर में सिर्फ बातों की सफाई दिखती है. शहर […]
पुरुष सफाई कर्मी 57 एवं महिला 24 कर्मी, प्रत्येक वार्ड में दो कर्मी प्रतिनियुक्त
खगड़िया : नगर परिषद क्षेत्र में सफाई के नाम पर प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन शहर में सिर्फ बातों की सफाई दिखती है. शहर के हृदय स्थली बेंजामिन चौक पर गंदगी फैला हुआ है. प्रति दिन नगर परिषद के अधिकारी व कर्मचारी आते जाते हैं. लेकिन गंदगी पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं जाती है. सड़क पर लोगों केा चलना मुश्किल हो रहा है. सड़क पर आवारा पशु कचड़े के समीप गंदगी खाते रहते हैं. कभी भी आवारा पशु सड़क पर चलने वाले राहगीरों के लिए परेशानी बन जाते हैं.
मालूम हो कि बेंजामिन चौक होते हुए शहर के थाना रोड, बलुआही बस स्टैंड, राजेंद्र जाने का मुख्य मार्ग है. प्रतिदिन लाखों लोगों की आवाजाही इस चौराहे से होकर होती है. चौराहे के बीचोंबीच भारत में स्वच्छता के प्रतीक महात्मा गांधी का स्टैच्यू है. जिसके चारों तरफ गंदगी का अंबार प्रतिदिन बना रहना उनके प्रति अश्रद्धा को दर्शाता है. लेकिन जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जाता है. यह भारत स्वच्छ मिशन के प्रति अधिकारियों के संकल्प को तार तार करता है.
बबुआगंज मोहल्ले में चलना हुआ मुश्किल
शहर के सबसे व्यस्त मार्ग के नाम से मशहूर बबुआगंज मोहल्ला में लोगों को चलना मुश्किल हो गया है. सड़क के दोनों किनारे स्थित दुकानें ऊंची हो गयी है. जबकि सड़क का लेयर नीचा होने के कारण यहां बराबर जल जमाव की समस्या रहती है. जलजमाव के कारण यहां कीचड़ की समस्या बनी रहती है. वहीं, सड़क के किनारे नाला से कीचड़ निकालकर सड़क पर ही रख दिया जाता है. जिससे सड़क पर कचरा ही कचरा दिखता है. जबकि इस मोहल्ले में न्यू होली गंगेज पब्लिक स्कूल जैसे प्रतिष्ठित इंटर स्तरीय विद्यालय है. यहां स्कूली बच्चों का आना जाना लगा रहता है. बबुआगंज में खाद बीच, सीमेंट, छड़ का होलसेल दुकानों की वजह से लोगों की भीड़ लगी रहती है.
व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है मालगोदाम रोड
शहर में मछली, सब्जी व गल्ले के व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध मालगोदाम रोड जिले के सदर तथा अलौली प्रखंड आने जाने का प्रमुख मार्ग है. बेगूसराय जिले के बखरी अनुमंडल को भी मालगोदाम रोड ही जोड़ता है. इतना महत्वपूर्ण मार्ग होने के बावजूद यह रोड गंदगी की राजधानी है. कहने को यह रोड फोर लेन मार्ग है. छह फीट से दस फीट चौड़ा फुटपाथ भी बना है. बावजूद इसके यह रोड गंदगी में बसता है. इसी रोड में रहने वाले समाजसेवी अभिषेक शर्मा, सुनील कुंवर, विनोद कुमार गुप्ता, अशोक कुमार मुन्ना आदि ने कहा कि वार्ड पार्षदों में इच्छा शक्ति की कमी के कारण यहां का वातावरण इतना दूषित है.
92 कर्मी से भी नहीं हो पा रही शहर की सफाई
नगर परिषद क्षेत्र के 26 वार्डों की सफाई के अलग अलग वार्डों में सफाई कर्मी को लगाया गया है. लेकिन नगर में सफाई नाम की कोई चीज नहीं दिखती है. चारों ओर गंदगी में शहर दिखता है. नगर परिषद में कुल 92 कर्मियों में से 81 सफाई कर्मी है. जिसमें 57 पुरुष एवं 24 महिला कर्मी कार्यरत हैं. मालूम हो कि प्रत्येक माह सफाई कर्मी को प्रत्येक माह 7 लाख 19 हजार 146 रुपये मानदेय के रूप में भुगतान किया जाता है. उसके बावजूद भी शहर की साफ सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है. जहां तहां गंदगी का पसरा रहता है.
कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि फिलहाल शहर की सफाई एक ही वक्त किया जाता है. जिस कारण जगह जगह गंदगी है. उन्होंने कहा कि जनवरी माह में 26 वार्डों का सफाई सर्वे किया जायेगा. जगह जगह डस्टबीन रखा जायेगा. डस्टबीन खरीद की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर और भी डस्टबीन की खरीद की जायेगी.
कहती हैं नगर सभापति
नगर परिषद के नगर सभापति सीता कुमारी ने कहा कि सफाई कर्मी के कमी रहने के कारण शहर में एक ही समय साफ सफाई करायी जाती है. जिस कारण गंदगी देखने को मिलती है. आगामी जनवरी माह में सफाई कर्मी की संख्या बढ़ाई जायेगी. उन्होंने कहा कि शहरवासी अपने घर के समीप डस्टबीन नहीं रखते हैं. जिसके कारण गंदगी हो जाती है.
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