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निबंधन के लिए पांच नहीं 25-30 हजार दे रहे किसान

नुकसान. ट्रैक्टर के निबंधन में हुई भारी गिरावट खगड़िया : ड्राइविंग लाइसेंस,स्थानांतरण एवं टैक्स शुल्क में परिवहन विभाग ने भारी वृद्धि की है. लेकिन ट्रैक्टर निबंधन शुल्क में थोड़ी बहुत नहीं बल्कि भारी कमी की गयी है. ट्रैक्टर का निबंधन कराना पहले आसान नहीं था. ट्रैक्टर की खरीदारी करने वालों को इसका निबंधन कराने वाले […]

नुकसान. ट्रैक्टर के निबंधन में हुई भारी गिरावट
खगड़िया : ड्राइविंग लाइसेंस,स्थानांतरण एवं टैक्स शुल्क में परिवहन विभाग ने भारी वृद्धि की है. लेकिन ट्रैक्टर निबंधन शुल्क में थोड़ी बहुत नहीं बल्कि भारी कमी की गयी है. ट्रैक्टर का निबंधन कराना पहले आसान नहीं था.
ट्रैक्टर की खरीदारी करने वालों को इसका निबंधन कराने वाले किसान को 25 से 30 हजार रुपये चुकाने पड़ते थे. पहले ट्रैक्टर के कुल लागत मूल्य का 5.50 प्रतिशत राशि निबंधन शुल्क के रूप में जमा करना पड़ता था. यानी एक ट्रैक्टर के निबंधन कराने में 25 से 30 हजार रुपये तक लोगों को खर्च करने पड़ते थे. इसके अलावे बीच के भी लोग इस खर्च पर अपना हिस्सा लाद कर इस राशि को और बड़ी बना देते थे. लेकिन अब निबंधन शुल्क को काफी कम कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक मात्र पांच हजार रुपये ही एक ट्रैक्टर का निबंधन शुल्क रखा गया है. अब सभी ट्रैक्टर को कृषि यंत्र मानकर रजिस्ट्रेशन किया जायेगा. यानी पांच सौ प्रतिशत की कमी की गयी है. अगर खरीदार स्वयं अपने ट्रैक्टर का निबंधन न कराकर एजेंसी के जरीये ट्रैक्टर का निबंधन करवाते है तो यह राशि और बढ़ जाएगी. लेकिन यहां बताते चले कि विभाग के खजाने में मात्र पांच हजार रुपये ही जाएंगे. शेष अन्य लोगों के जेब में.
किसान रहे होशियार. विभाग द्वारा किसानों को भले ही बड़ी राहत दिये गए हो, लेकिन इसकी जानकारी लोगों को नहीं मिल पाई है. अब भी कई एजेंसी व बिचौलिये इनका शोषण कर रहे हैं. जानकार बताते हैं किसान ट्रैक्टर तो खरीदते हैं. लेकिन अपने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने वे स्वयं परिवहन विभाग के काउन्टर पर नहीं जाते है. रजिस्ट्रेशन कराने का पूरा भार ट्रैक्टर मालिक एजेंसी को ही सौंप देते हैं. जहां रजिस्ट्रेशन कराने के नाम इनसे अधिक राशि वसूले जाते हैं.
कृषि कार्य में लाये जाने वाले ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन शुल्क काफी कम हुआ है, जिससे विभाग को काफी नुकसान हो रहा है. किसान इस बात का ध्यान जरूर रखें कि कृषि कार्य के लिए निबंधित ट्रैक्टर का उपयोग व्यावसायिक कार्य के लिए कतई न करें.
पुरुषोत्तम, डीटीओ, खगड़िया
लगेंगे कृषि टैक्स
कुछ समय पूर्व तक ट्रैक्टर का निबंधन कराने में अधिक राशि इसलिये लगते थे. क्योंकि पहले ट्रैक्टर को व्यावसायिक श्रेणी में रखा गया था. जिस कारण इसके निबंधन में सर्वाधिक शुल्क देना पड़ता था.
अगर किसान कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर खरीदते थे तो उनके ट्रैक्टर का निबंधन व्यावसायिक के रूप में होता है. यानी उन्हें शुल्क व्यावसायिक कार्य का देना पड़ता था. लेकिन अब यह व्यवस्था बदल गयी है. रजिस्ट्रेशन के दौरान किसान यह बताएंगे कि वे कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर लिये हैं. जिसके बाद उनके ट्रैक्टर का मात्र पांच हजार रुपये में रजिस्ट्रेशन किया जायेगा.
हो रहा नुकसान
ट्रैक्टर के निबंधन शुल्क में हुए कमी के कारण परिवहन विभाग को सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान होगा. जानकार बताते हैं कि जिला निबंधन कार्यालय में प्रत्येक माह 50 से 60 ट्रैक्टर का निबंधन होता है. आंकड़ा निकालें तो 10 से 12 लाख रुपये प्रत्येक माह निबंधन से कम आ रहे हैं.
साल में एक करोड़ से अधिक रुपये का नुकसान होने जा रहा है. सूत्र के मुताबिक ट्रैक्टर के निबंधन शुल्क में हुए कमी का असर राजस्व वसूली पर व्यापक रूप से पड़ा है. बीते दिनों राजस्व वसूली की समीक्षात्मक बैठक में परिवहन विभाग की उपलब्धि देख डीएम भी हैरान रह गये.

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