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स्कूलों में फर्जी नामांकन, लुट रहा सरकारी खजाना

खगड़िया : सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन का खेल पूरी तरह रोकने में शिक्षा विभाग हांफ रहा है. लिहाजा, कई स्कूलों में फर्जी छात्रों के सहारे सरकारी योजनाओं की राशि का गोलमाल कर प्रधानाध्यापक से लेकर अधिकारी तक मालामाल हो रहे हैं. स्थिति यह है कि दर्जनों स्कूलों में 50 से 60 प्रतिशत तक फर्जी […]

खगड़िया : सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन का खेल पूरी तरह रोकने में शिक्षा विभाग हांफ रहा है. लिहाजा, कई स्कूलों में फर्जी छात्रों के सहारे सरकारी योजनाओं की राशि का गोलमाल कर प्रधानाध्यापक से लेकर अधिकारी तक मालामाल हो रहे हैं. स्थिति यह है कि दर्जनों स्कूलों में 50 से 60 प्रतिशत तक फर्जी नामांकन कर लिया गया है,

जिसके सहारे सरकारी योजनाओं की राशि का बंदरबांट किया जाता है. अलौली के कई विद्यालयों में प्रभात खबर की पड़ताल के दौरान जो तथ्य सामने आये वह चौंकाने वाले हैं. अलौली के मध्य विद्यालय खैरी खुटहा में मार्च 2017 तक 826 बच्चों को नामांकित दिखाया जाता रहा. प्रधानाध्यापक राजेश्वर कुमार के निलंबन के बाद नये प्रधानाध्यापक के रूप में रामानंद कुमार ने पदभार संभाला. जब नये प्रधानाध्यापक ने सख्ती शुरू की तो स्कूल में फर्जी नामांकन के खेल का खुलासा होने लगा.

वर्तमान वर्ष में 826 की जगह मात्र 386 विद्यार्थी ही स्कूल में बचे. ऐसे में सवाल उठता है कि इतने दिनों तक 440 छात्रों के नाम पर मध्याह्न भोजन से लेकर अन्य सरकारी योजनाओं में खेल होता रहा, लेकिन विभागीय अधिकारी ने इसे रोकने की जहमत नहीं उठायी. बताया जाता है कि ऐसी स्थिति सिर्फ मध्य विद्यालय खैरी खुटहा की नहीं है. जांच हो तो सैकड़ों विद्यालयों में हजारों फर्जी छात्र पकड़ में आ सकते हैं.

रजिस्टर में छात्र के माता-पिता का ब्योरा नहीं
मध्य विद्यालय खैरी खुटहा के प्रधानाध्यापक रामांनद कुमार बताते हैं कि स्कूल का पदभार संभालने के बाद उन्हें मार्च महीने में स्कूल में नामांकित 826 छात्रों का रजिस्ट्रर दिया गया, लेकिन उसमें नामांकित छात्रों के माता-पिता या अभिभावक का कोई ब्योरा नहीं था. जो दाल में काला की ओर इशारा कर रहा है. बता दें कि अलौली के मध्य विद्यालयों में सरकारी राशि के बंदरबांट रोकने के लिये नियमित शिक्षक को प्रधानाध्यापक का पदभार दिया गया है. स्कूल की संख्या के अनुपात में नियमित शिक्षक नहीं रहने के कारण एक शिक्षक को कई स्कूलों का अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है, लेकिन गड़बड़ी रोकने के लिए अतिरिक्त प्रभार वाले कदम का अधिकांश सरकारी स्कूलों में बेइमानी पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. अधिकांश स्कूलों में फर्जी आइवीआरएस रिपोर्ट देकर मध्याह्न भोजन की राशि का गोलमाल जारी है. जहां भी अधिकारी पहुंचते हैं वहां कोई गड़बड़ी मिले या नहीं, लेकिन मध्याह्न भोजन में जरूर गड़बड़ी मिल जाती है.
बोले प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय खैरी खुटहा में मार्च 2017 से पहले 826 छात्र नामांकित थे. छात्रों के रजिस्ट्रर पर मां-पिता का नाम नहीं रहने के कारण नामांकन में फर्जीवाड़ा की बू आ रही थी. कड़ाई की गयी तो वर्तमान में छात्रों की संख्या 826 से घटकर 386 पर जा पहुंची है. इस तरह 440 छात्रों का कोई अता पता न तो स्कूल को मालूम है और न ही विभाग को.
रामानंद कुमार, प्रधानाध्यापक, मवि खैरी खुटहा.
बोले डीइओ
सरकारी स्कूलों में फर्जी नामांकन रोकने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. सभी छात्रों के आधार कार्ड बनाये जा रहे हैं. फर्जी नामांकन करने वाले प्रधानाध्यापक चाहे कितनी भी होशियारी कर लें, लेकिन विभाग की नजर से बच नहीं पायेंगे. जल्द ही विद्यालयों में जांच अभियान चला कर फर्जी नामांकन पर सख्ती से रोक लगायी जायेगी.
सुरेश साहु, डीइओ.

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