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निजी डॉक्टरों से भी मदद पहल . शिशु-मातृ मृत्यु दर कम करने को चलेगा अभियान

कटिहार : गर्भवती माताओं की नियमित जांच व जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू किये गये प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को कटिहार जिले में प्रभावी बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है. डीएम ललन जी के दिशा निर्देश पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग व जिला स्वास्थ्य समिति सरकारी चिकित्सकों […]

कटिहार : गर्भवती माताओं की नियमित जांच व जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू किये गये प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को कटिहार जिले में प्रभावी बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है. डीएम ललन जी के दिशा निर्देश पर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग व जिला स्वास्थ्य समिति सरकारी चिकित्सकों के साथ-साथ शहर के निजी चिकित्सकों से इस मुहिम में सहयोग लेने की तैयारी शुरू की है.

दरअसल शिशु व मातृ मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यह अभियान शुरू किया गया है. उल्लेखनीय है कि अभी भी अधिकांश गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच नियमित तरीके से नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों पर खतरा रहता है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती माताओं की नियमित जांच के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सदर अस्पताल आदि में हर महीने की नौ तारीख को चिकित्सकों के द्वारा गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आवश्यक परामर्श दिया जायेगा.

सरकारी अस्पतालों में होगी स्वास्थ्य जांच : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने नौ तारीख को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच(एएनसी) किया जायेगा. इस मुहिम में सरकारी डॉक्टरों के अलावा प्राईवेट क्लिनिंग व नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टरों का भी सहयोग लिया जायेगा. शीघ्र ही जिला पदाधिकारी ललन जी के निर्देश पर सीएस द्वारा आईएमए व अन्य डॉक्टरों के संगठन के साथ बैठक आहुत की जायेगी. जिसमें नौ तारिख को सरकारी अस्पताल में गर्भवती माता के स्वास्थ्य जांच में उनसे सहयोग की अपील की जायेगी. साथ ही कई कमेटी गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
शिशु व मातृ मृत्युदर कम करना लक्ष्य : स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शिशु व मातृ मृत्युदर में कमी लाना है. अभी जिले में 1000 बच्चे के जन्म लेने पर 42 शिशु की मौत हो जाती है. कमोवेश यही स्थिति गर्भवती माताओं की भी है. अब भी इस मामले में समाजिक स्तर पर जागरूकता की कमी पायी जाती है. अभियान के तहत एमबीबीएस चिकित्सकों के द्वारा महिलाओं का स्वास्थ्य जांच कर लक्ष्य हासिल करना है.
कहते हैं डीपीएम : जिला स्वास्थ्य समिति के डीएपीएम निलेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने नौ तारीख को सरकारी अस्पतों में गर्भवती माताओं की स्वास्थ्य जांच होगी. इस अभियान में निजी चिकित्सकों से सहयोग करने की अपील की गयी है.

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