शर्मनाक . जिंदा बचे लोग कानपुर से कटिहार तक रहे दहशत में
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मुर्दों के बीच नौ जिंदा यात्रियों को ट्रक में ठूंस कर भेजा घर
शर्मनाक . जिंदा बचे लोग कानपुर से कटिहार तक रहे दहशत में ट्रेन हादसा ट्रेन हादसे में मरे पांच मजदूरों का शव मंगलवार की देर शाम कानपुर से सदर अस्पताल लाया गया. हालांकि शव के साथ ही बचे लोगों को ट्रक से लाने पर वहां मौजूद लोग नाराजगी जताते हुए इसे शर्मसार करने वाली घटना […]
ट्रेन हादसा
ट्रेन हादसे में मरे पांच मजदूरों का शव मंगलवार की देर शाम कानपुर से सदर अस्पताल लाया गया. हालांकि शव के साथ ही बचे लोगों को ट्रक से लाने पर वहां मौजूद लोग नाराजगी जताते हुए इसे शर्मसार करने वाली घटना बताया.
कटिहार : इंदौर-पटना एक्सप्रेस के हादसे में कटिहार जिले के पांच मजदूरों की हुई मौत के बाद उनका शव मंगलवार की शाम ट्रक से कटिहार पहुंचा. ट्रक में शव के साथ इस हादसे में बचे नौ अन्य मजदूर भी यहां पहुंचे. इस बड़े ट्रेन हादसे के बाद जिस तरह ट्रक में लाद कर शव एवं बचे हुए मजदूरों को भेजा गया, वह मानवता को शर्मसार करने वाला है. रेल प्रशासन व स्थानीय प्रशासन की संवेदनहीनता ही रही कि ट्रक में शव व बचे हुए लोगों को कटिहार भेजा है.
कटिहार से भी स्थानीय प्रशासन ने शव ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस या शव वाहन नहीं दिया, बल्कि प्रशासन ने दो ट्रक उपलब्ध कराया. इसी दोनों ट्रकों में शवों के साथ दुर्घटना में बचे हुए नौ मजदूर अपने-अपने गांव के लिए रवाना हुए. जिला पदाधिकारी ललन जी ने स्वयं सदर अस्पताल परिसर पहुंचकर शवों को देखे तथा इस रेल हादसे में बचे नौ मजदूरों से भी मिले. इस बीच शव के साथ बचे हुए नौ लोगों को ट्रक से उनके गांव रवाना किया जाना भी कई सवाल पैदा कर रहा है.
लोगों की मानें, तो रेल हादसे में बचे अन्य लोगों के लिए अलग से वाहन की व्यवस्था की जानी चाहिये थी. दहशत के बीच जिस तरह नौ मजदूर शव के साथ कटिहार पहुंचे हैं. फिर उसी तरह अपने गांव चले गये. सदर अस्पताल पहुंचने पर बचे हुए नौ मजदूरों के चेहरे पर रेल हादसे का खौफ साफ दिख रहा था. शव को जिस तरह भेजा गया वह भी मानवता को शर्मसार करने वाला था. एक तो हादसे से बचने के बाद वह सदमे में थे, ऊपर से इतनी दूर तक शव के साथ यात्रा करने से भी उनकी हालात सामान्य नहीं हो रही थी.
नहीं पहुंचे कोई बड़े नेता होती रही चर्चा
यूं तो शव व बचे हुए मजदूर के कटिहार पहुंचने पर सदर अस्पताल परिसर में गहमा गहमी रही. लोगों की भीड़ भी देखने के लिए एकत्रित हो गयी. पर, कोई जनप्रतिनिधि या राजनीतिक दल के स्थानीय स्तर का कोई बड़े नेता सदर अस्पताल नहीं पहुंचा. जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष जाकिर हुसैन ही पूरी व्यवस्था कराने में जुटे रहे. जिला पदाधिकारी ललन जी को पल-पल की खबर दे रहे थे. कोई बड़े नेता के नहीं पहुंचने से आजमनगर व कदवा से आये लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ था. कई तरह की कानाफूसी भी होती रही.
शव के साथ ट्रक से पहुंचे हादसे में बचे युवक व ट्रक से लाश उतारते लोग.
शव पहुंचते ही अस्पताल में लगी भीड़
ट्रक से मंगलवार की शाम करीब सात बजे कानपुर ट्रेन हादसे के शिकार हुए कटिहार के पांच लोगों का शव सदर अस्पताल परिसर में पहुंचने के साथ ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. शव के साथ उनके नौ वह साथी भी थे, जो उस ट्रेन हादसे में बाल-बाल बच गये थे. शव के साथ ट्रेन हादसे में बचे नौ लोगों को जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गये ट्रक पर ही रखा गया. इस बीच लोगों की जुटी भीड़ में तरह-तरह की चर्चा भी होने लगी. जिस तरह रेल हादसे के शिकार बने जिले के पांच लोगों के शव को ट्रक में लादा गया.
वह भी कई सवाल पैदा करता है. शव के साथ भी उन नौ लोगों को भी उसी ट्रक में सवार कर उनके गांव रवाना कर दिया गया. बचे हुए लोगों ने बताया कि वे लोग इंदौर में निर्माण मजदूर के रूप में काम करते थे. वे 14 साथियों के साथ इंदौर पटना एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे. ट्रेन हादसे में उनके पांच साथियों की मृत्यु हो गयी.
सीएस पर बिखरे िजप के पूर्व अध्यक्ष जाकिर
इस बीच मौके पर सिविल सर्जन डाॅ श्यामचंद्र झा के पहुंचने पर जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष जाकिर हुसैन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपने शव के लिए एक एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं की. श्री हुसैन ने डीएम की सराहना करते हुए कहा कि वह पिछले 24 घंटे से पल-पल की खबर उनसे ले रहे है. पर, जब आपसे एंबुलेंस उपलब्ध कराने की बात की, तो कहा कि देखते हैं. कटिहार जैसे शहर में आपके जैसे सीएस के रहते किसी को कोई लाभ नहीं मिलेगा.
शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होना स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलता है. उधर, मौके पर मौजूद लोग भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जता रहे थे. लोगों का कहना था कि कम से कम यहां से तो दुर्घटना में बचे लोगों को अलग वाहन की व्यवस्था कर उनके घर भेजा जा सकता था.
परिजनों को मिल जायेगा मुआवजा
मौके पर पहुंचे जिला पदाधिकारी ललन जी ने कहा कि यह घटना अत्यंत ही दुखदायी है. कटिहार के पांच मजदूरों की रेल हादसे में मौत हो गयी. यह कटिहार जिले के लिए दुख की बात है. मजदूर कमाने के लिए दूसरे शहर गये थे. पर, ट्रेन हादसा होने से उनकी मौत हो गयी. मुख्यमंत्री राहत कोष से कुछ घंटे में ही मृत के परिजनों को दो-दो लाख रुपये उपलब्ध करा दिये जायेंगे. शव ले जाने के लिए ट्रक उपलब्ध कराया गया है. साथ ही तत्काल कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत राशि दे दी गयी है.
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