कटिहार : जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए अब कटिहार वासियों को भागलपुर या अन्य दूसरे जिला नहीं जाना पड़ेगा. सदर अस्पताल में राज्य सरकार द्वारा विशेष नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष स्थापित किया गया है. अत्याधुनिक सुविधा से लैस वातानुकूलित 12 बेड का यह नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष ने बुधवार से काम करना शुरू कर दिया.
यह चिकित्सा कक्ष 24 घंटे काम करता रहेगा. करीब 50 लाख की लागत से तैयार किये गये इस नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष में राज्य सरकार द्वारा चिकित्सकों की तैनाती करने के साथ-साथ ए ग्रेड नर्स व अन्य पारा मेंडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है. इस शिशु चिकित्सा कक्ष में जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को होने वाली परेशानी (बीमारी) को देखते हुए भरती किया जायेगा. जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अत्याधुनिक तरीके से उपचार होगा. साथ ही चिकित्सा कक्ष में टीवी की भी व्यवस्था की गयी है. इसमें माताओं को ब्रेस्ट फिडिंग के प्रति जागरूक किया जायेगा. टीवी के माध्यम से माताओं को बेहतर स्तनपान तथा उसके महत्व की जानकारी भी दी जायेगी.
पूरी तरह से मुफ्त होगा इलाज : इस नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष में इन बॉर्न व आउट बॉर्न के तहत परेशानी वाले नवजात शिशु के उपचार की व्यवस्था की गयी है. जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम निलेश कुमार ने बताया कि इन बॉर्न के तहत सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव के दौरान होने वाले नवजात शिशु की स्थिति को देखते हुए उसे एसएनसीयू में भरती कराया जायेगा.
आउट बॉर्न के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल, रेफरल अस्पताल सहित निजी नर्सिंग होम या घर पर होने वाले प्रसव के बाद नवजात शिशु का उपचार उसके जरूरत के हिसाब से इस चिकित्सा कक्ष में उपचार कराया जायेगा. उपचार पूरी तरह मुफ्त होगा. किसी तरह का शुल्क मरीज से नहीं लिया जायेगा. इस तरह के अत्याधुनिक नवजात शिशु चिकित्सक कक्ष स्थापित होने के बाद जिले में नवजात शिशु मृत्युदर में कमी आयेगी.
नहीं होगी परेशानी इलाज होगा मुफ्त
नवजात शिशु के उपचार के लिए एसएनसीयू स्थापित किया गया है. बुधवार से यह काम करने लगा है. जिले के जोखिम वाले नवजात शिशु का उपचार यहां मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा. इसमें चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टाफ 24 घंटे सेवा देंगे.
डॉ श्यामचंद्र झा, सिविल सर्जन
नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होगा
एसएनसीयू जिले के नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित होगा. इसमें 15 तरह की बीमारियों का इलाज होगा. आम लोग इसका लाभ उठायें. यह पूरी तरह नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था है. आम लोगों के बीच इसका प्रचार-प्रसार भी होना चाहिये.
ललन जी, जिला पदाधिकारी
अत्याधुनिक सुविधा से लैस है एसएनसीयू
सदर अस्पताल में बुधवार को नवजात शिशु के उपचार के लिए शुरू हुआ स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू) पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधा से लैस है. मसलन यह नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष न केवल वातानुकूलित है, बल्कि नवजात शिशु के उपचार के लिए कई अत्याधुनिक उपकरण लगाये गये हैं.
आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में ऐसे उपकरण कम ही देखने को मिलते हैं. नवजात शिशु चिकित्सा कक्ष में उपचार के लिए आधा दर्जन पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था है, जबकि 10 ऑक्सीजन कंसनटेटर, 13 रेडियो वार्मर, 404 फोटोथेरेपी आदि की व्यवस्था है. यहां तीन शिशु रोग चिकित्सकों की तैनाती भी की गयी है. शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ एम मनीष को एसएनसीयू का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. इसके अलावा 13 ए ग्रेड नर्स की भी तैनाती की गयी है.
15 तरह के रोगों का होगा उपचार
आमतौर पर जिले में सांस की बीमारी, चमकी आना, वजन कम होना सहित कई तरह की बीमारियों के उपचार के लिए जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को भागलपुर सहित अन्य दूसरे बड़े शहरों में ले जाना पड़ता था. इसमें मोटी रकम खर्च होती थी. खासकर गरीब व मजदूर परिवार के लोगों को ऐसे बीमारी होने पर अपने बच्चों से हाथ धोना पड़ता था. पर, अब सरकार ने सदर अस्पताल में एसएनसीयू स्थापित कर खासकर गरीब व मजदूर
परिवार के लोगों को राहत दी है. इस चिकित्सा कक्ष में जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु के 15 तरह की बीमारियों के इलाज की व्यवस्था है. 24 घंटे शिशु रोग विशेषज्ञ की निगरानी में नवजात शिशु रहेंगे. ए ग्रेड नर्स भी हमेशा निगरानी करती रहेंगी. जरूरत पड़ने पर ऑन कॉल चिकित्सक को बुलाया भी जा सकता है.