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हालात . नदियों के जलस्तर में मामूली कमी, पर बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं रिंग बांध टूटने के बाद से नये इलाकों में घुस रहा पानी. जिले की नदियों के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है. गुरुवार को भी बाढ़ का पानी आधा दर्जन से अधिक गांवों […]

हालात . नदियों के जलस्तर में मामूली कमी, पर बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं

रिंग बांध टूटने के बाद से नये इलाकों में घुस रहा पानी.
जिले की नदियों के जलस्तर में मामूली कमी के बावजूद बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है. गुरुवार को भी बाढ़ का पानी आधा दर्जन से अधिक गांवों में प्रवेश किया है.
कटिहार : मेली प्रखंड के मलहरिया, भरेली, खोटा, डुम्मर व कुरसेला के कई गांव में पानी के प्रवेश करने से स्थिति गंभीर बन गयी है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के निर्देश पर प्रभावित प्रखंडों में राहत शिविर चलाये जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे राहत शिविर का पूरा लाभ बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल पा रहा है. इस बीच जिला प्रशासन ने नाव की कमी को देखते हुए अररिया व पूर्णिया जिले से नाव मंगवाया है. गंगा,
कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में कमी होने व स्थिर रहने के बावजूद कुरसेला, बरारी, समेली, मनिहारी, मनसाही, अमदाबाद आदि प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
हजारों लोग हुए विस्थापित
हजारों लोग विस्थापित होकर बांध व सड़क किनारे शरण लिए हुए हैं. अमदाबाद में बाढ़ प्रभावित लोगों की स्थिति और भी नाजुक बनी हुई है. आंगनबाड़ी केंद्र व विद्यालय में पानी घुसने के बाद पठन पाठन भी प्रभावित है. इधर बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत सुविधा को लेकर हाय तौबा मची हुई है. राहत शिविरों में सरकार द्वारा दिये गये गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्था नहीं की गयी है. इधर जलस्तर में कमी के बाद भी बरारी में स्पर व तटबंध पर पानी का अत्यधिक दबाव बना हुआ है. वहीं गुमटी टोला रिंग बांध के कट एंड को रोकने के लिए विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य युद्धस्तर पर कराया जा रहा है.
एनएच 31 पर लिये शरण
गुरुवार को जिले के कई इलाके में पानी प्रवेश कर गया है. कुरसेला के गुमटी टोला रिंग बांध टूटने के बाद नये इलाके में बाढ़ का पानी गुरूवार को भी घुसना जारी रहा. समेली प्रखंड के मलहरिया, भरेली, खोटा, डुम्मर, कुशियारी आदि गांवों व कुरसेला प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों के बीच अफरा तफरी की स्थिति बनी हुयी है. गांव में पानी घुसने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर एनएच-31 पर शरण लेने को मजबूर हैं. तेज धुप के बीच प्रभावित लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबुर हैं. इन बाढ़ प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन के स्तर पर किसी तरह की सुविधा नहीं दी गयी है. बाढ़ पीड़ितों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुयी है.
राहत कार्यों का लिया जायजा
बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में गुरुवार को जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने दौरा किया तथा लोगों के बीच पहुंचकर उनका दर्द जाना. साथ ही लोगों के लिये चलाये जा रहे राहत कार्य का जायजा गुरूवार को कृषि विभाग के प्रधान सचिव सह विशेष आयुक्त सुधीर कुमार, प्रभारी सचिव संजीव कुमार व जिला पदाधिकारी ललन जी ने लिया. वरिष्ठ अधिकारियों ने कई राहत शिविरों में जाकर प्रभावित लोगों से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली. इस बीच जनप्रतिनिधियों ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया.

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