कटिहार : बेचैन होता एक मरीज सदर अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र भवन के सहारे बैठा था. उसकी मां ने बताया कि वह आदतन शराबी है. शराब नहीं मिलने के कारण उसकी यह स्थिति हो गयी है. वह उसे नशा मुक्ति केंद्र में भरती कराने पहुंची है. पर, नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक ने उसकी मनोस्थिति को देख उसे भागलपुर या पूर्णिया के मनोचिकित्सक से दिखाने की सलाह दी और मरीज को भरती करने से इनकार कर दिया.
जब संबंधित चिकित्सक से प्रभात खबर के संवाददाता ने बात की, तो नशामुक्ति केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक ने सीएस से बात की. सूचना मिलते ही सीएस नशा मुक्ति केंद्र पहुंचे व उक्त मरीज की स्थिति देख उसे नशा मुक्ति केंद्र में भरती कराया. गौशाला निवासी टिंकूराम आदतन शराबी है. शनिवार को उसकी स्थिति खराब हो गयी, तो उसकी मां गुलजारी देवी व चाचा राजकुमार राम उसे नशा मुक्ति केंद्र में भरती कराने पहुंचे थे.
पर, नशा मुक्ति केंद्र में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बीके गोपालका ने मरीज की गंभीर स्थिति को देख उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ से दिखाने की सलाह दी. वहीं डॉ बीके गोपालका ने बताया कि आदतन शराबी को शराब नहीं मिलने के बाद चार घंटे से लेकर 12 घंटे में ही उसकी स्थिति बिगड़ती है. इस मरीज की स्थिति नशा के कारण नहीं बिगड़ी है. स्थानीय वार्ड पार्षद रंजीत पासवान ने भी चिकित्सक से मरीज के आदतन शराबी होने की बात कही.