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अब भारतीय रेल भी नहीं रही सुरक्षित

पंजाब के गुरदासपुर के जवान मनजीत सिंह की हत्या रविवार को गोली मार कर अपराधियों ने कर दी थी. उनका शव जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र के महियारपुर रेलवे स्टेशन के समीप बांस की झाड़ी से बरामद हुआ था. घटना में उनके साथ किसी प्रकार की लूटपाट भी नहीं किये जाने की बात अब-तक हुई […]

पंजाब के गुरदासपुर के जवान मनजीत सिंह की हत्या रविवार को गोली मार कर अपराधियों ने कर दी थी. उनका शव जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र के महियारपुर रेलवे स्टेशन के समीप बांस की झाड़ी से बरामद हुआ था. घटना में उनके साथ किसी प्रकार की लूटपाट भी नहीं किये जाने की बात अब-तक हुई जांच में सामने आयी है, तो फिर इस हत्या की क्या वजह है.

कटिहार : नार्थ इस्ट ट्रेन से दिल्ली से गुवाहाटी जाने वाले पंजाब के गुरदासपुर के जवान मनजीत सिंह की हत्या रविवार को गोली मार कर अपराधियों ने कर दी थी. उनका शव जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र के महियारपुर रेलवे स्टेशन के समीप बांस की झाड़ी से बरामद हुआ था. घटना में उसके साथ किसी प्रकार की लूटपाट भी नहीं किये जाने की बात अब-तक हुई जांच में सामने आयी है. तो फिर इस हत्या की क्या वजह है.
आखिर एक जवान की हत्या के पीछे क्या राज है यह तो पुलिसिया अनुसंधान में ही पता चलेगा. लेकिन इस प्रकार की हत्या से ट्रेन के यात्री सहित अन्य लोग भी दहशत में हैं. कई रेल यात्रियों ने कहा कि अब यात्रा करने में भी डर लगने लगा है. रेल मंत्रालय सहित देश के सभी रेल मंडल के अधिकारी तथा रेल की सुरक्षा में तैनात आरपीएफ जो केंद्र सरकार के नेतृत्व में चलती तथा दूसरी ओर जीआरपी जिसमें राज्य के पुलिस का योगदान रहता है.
कही आवश्यक पड़ने पर स्पेशल फोर्स को भी रेल की सुरक्षा व्यवस्था में लगाती है. फिर एक जवान की हत्या किस प्रकार उक्त ट्रेन से उतार कर बीस किलोमीटर अन्य रेलखंड पर सफर कर जवान की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. पंजाब के गुरदासपुर निवासी मनजीत सिंह घर से अपने डयूटी को नौ फरवरी को निकला था और वह गुवाहाटी तो नहीं पहुंचा लेकिन उसकी हत्या महियारपुर में गोली मारकर कर दी जाती है. आखिर सवाल यह उठता है कि जवान मनिहारी के महियारपुर कैसे पहुंच गया.
पदाधिकारी झाड़ रहे पल्ला
फिलहाल यह जवाब न तो रेल अधिकारी के पास ही है और न ही कटिहार के पुलिस पदाधिकारी के पास ही. अलबत्ता सभी जांच का विषय कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. लेकिन एक बात तो सौ फीसदी सही है कि नार्थ इस्ट ट्रेन जो दिल्ली से भाया कटिहार होते हुए गुवाहाटी जाती है. मनिहारी रेल खंड अलग रूट में है तो फिर उस जवान को नशे की हालत में उतारा गया या फिर जवान खुद ही किसी के संपर्क में आकर महियारपुर पहुंचा था. क्या कटिहार प्लेटफार्म से किसी का अपहरण कर ले जाया जा सकता है यह एक सवाल बन गया है.
पूर्व में भी हो चुकी है हत्या
कटिहार रेल मंडल व एसआरपी थाना क्षेत्र में हाल के वर्षो में दो चर्चित मामले घटित हुए हैं इसमें दो युवकों की मौत सफर के दौरान हो गयी थी. इसमें एक असम का रहने वाला तथा दूसरा कोलकाता के चेयरमेन का पुत्र था. इसके अलावे कई यात्री की मौत नशा खिला कर भी अबतक हो चुकी है और नशा खुरानी गिरोह के शिकार तो अनगिनत मामले बीते वर्षों मे हों चुके हैं और रेल प्रशासन सुखद व सुरक्षित यात्रा का सिर्फ दंभ भरती दिखती है जो कि भारतीय रेल में वास्तविकता मेें नही दिखता.
जब भी आइबी हाइ अलर्ट करती है तो वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर सिर्फ आरपीएफ व जीआरपी खानापूर्ति करते हैं और कुछ नहीं.
रेलवे अधिकारी ने कहा यह सिविल का मामला
गत नौ फरवरी को पंजाब के गुरदासपुर से गुवाहाटी अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए जब एक जवान ने दिल्ली से नार्थ इस्ट ट्रेन पकड़ा, लेकिन वह गुवाहाटी नहीं पहुंचा सका और उसकी हत्या हो गयी. इस बात को लेकर जवान के परिजनों ने पंजाब के कादिर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करायी. बीते 13 फरवरी की रात उक्त जवान मनजीत सिंह का शव मनिहारी थाना क्षेत्र के महियारपुर से बरामद होती है.
जब जवान की हत्या की बात रेलवे के अधिकारी से की गयी तो उसने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उसका मामला सिविल थाना में दर्ज की गयी है साथ ही उसका सारा समान घटना स्थल से ही बरामद किया गया है. रेल पुलिस ने इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस घटना से रेल पुलिस का कोई वास्ता नही है, लेकिन रेल पुलिस के अधिकारी ने कहा कि सिविल पुलिस जब भी किसी प्रकार का सहयोग मांगेगी, उसे रेल पुलिस अवश्य करेगी.
अब जरा सोचए कि एक यात्री दिल्ली से गुवाहाटी के सफर के लिए चलता है. सफर के दौरान कटिहार रेल थाना अंतर्गत उसकी हत्या कर दी जाती है तो क्या इस मामले में रेल पुलिस का कोई लेना देना नहीं है. क्या यह सवाल नही है कि जिसे गोवाहाटी उतरना था तो उसका शव किसी दूसरे रूट के स्टेशन के समीप किस प्रकार बरामद होती है.
आखिर ट्रेन से किस प्रकार उसे अन्यत्र ले जाया गया. अगर जवान स्वयं ट्रेन से उतरकर बाहर निकला हो तो मामला अलग है लेकिन अगर इसे ट्रेन से ही जबरन उतारा गया या नशा खिलाकर उतारा गया तो इनका जबाब तो रेल अधिकारी को देनी ही चाहिए. पल्ला झाड़ने से रेल यात्री सुखद और सुरक्षित यात्रा किस प्रकार करेगी.
कहते हैं एसआरपी
गुरदासपुर के जवान की मौत के मामले में एसआरपी जितेंद्र मिश्रा ने कहा कि घटना सिविल क्षेत्र का है. इसलिए मामले की जांच सिविल पुलिस करेगी. रेल पुलिस इसमें सहयोग करेगी.

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