अमदाबाद : प्रखंड के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय को अपना भवन नहीं है. विद्यालय की स्थापना 1990 में हुई थी. भवन के अभाव में इस विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिल सकता है.
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स्कूल को अपना भवन नहीं, नहीं होती है पढ़ाई
अमदाबाद : प्रखंड के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय को अपना भवन नहीं है. विद्यालय की स्थापना 1990 में हुई थी. भवन के अभाव में इस विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिल सकता है. विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सहित छह शिक्षक पदस्थापित है. विद्यालय में वर्ग नौ में 370 एवं वर्ग दस में […]
विद्यालय में प्रधानाध्यापिका सहित छह शिक्षक पदस्थापित है. विद्यालय में वर्ग नौ में 370 एवं वर्ग दस में 258 छात्राएं नामांकित हैं. विद्यालय संचालन इंद्रावती उच्च विद्यालय के एक कमरे में होता है तथा पठन-पाठन कार्य नहीं के बराबर होती है. ज्ञात हो कि इस विद्यालय का अपना जमीन व अपना भवन नहीं है.
25 वर्ष बीत जाने के बाद भी विद्यालय के लिए अपना जमीन नहीं होना व अपना भवन नहीं होना शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़ा हो रहा है. सरकार शिक्षा की दावा ठोक रही थी.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की. इस विद्यालय को अपना जमीन व अपना भवन नहीं है, उस विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राएं को कितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती होगी. इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. यही नहीं इस विद्यालय में विषयवार शिक्षक भी पदस्थापित नहीं है.
विद्यालय में हिंदी, उर्दू व बंगला का शिक्षक पदस्थापित नहीं है. वहीं गुरुवार को दो शिक्षिका अनुपस्थित थी. साथ ही विद्यालय में विद्यालय समिति का बैठक वर्ष 2012 के बाद अब तक नहीं हुई है.
विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं को समय-समय पर इंद्रवती उच्च विद्यालय के प्रांगण में स्थित प्लस-टू के भवन में परीक्षा ली जाती है. कई छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में पठन-पाठन नहीं, सिर्फ समय-समय पर परीक्षा लिया जाता है. हमलोग ट्यूशन के भरोसे पढ़ाई करते हैं.
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