बलिया : बेलौन क्षेत्र के शिकारपुर पंचायत स्थित मध्य विद्यालय माहीनगर विगत 20 वर्षों से झोपड़ी में चल रहा है. महानंदा नदी कटाव में विस्थापित होने के बाद आज तक किसी प्रतिनिधि या शिक्षा विभाग द्वारा इसे दोबारा स्थापित करने का प्रयास नहीं किये जाने से क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार में है.
विद्यालय झोपड़ी में चलने के कारण पोषक क्षेत्र के अधिकांश बच्चे यहां नामांकन नहीं कराना चाहते हैं. जिन बच्चों का नामांकन है, वह आने से कतरा रहे हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.
जानकार बताते हैं कि मध्य विद्यालय माहीनगर 90 के दशक तक एक आदर्श विद्यालय था. विद्यालय का अपना भवन था. सैकड़ों बच्चे यहां से पढ़ाई पूरा कर उच्च पदों पर नियुक्त हैं, लेकिन यह विद्यालय आज मृत अवस्था में है. क्षेत्र के सांसद, विधायक द्वारा विद्यालय को स्थापित करने का आश्वासन दिये जाने के बाद भी कुछ कार्रवाई नहीं हुई.
ग्रामीणों ने कहा कि विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के लोग शिक्षा के मुद्दे पर प्रत्याशियों से जवाब मांगेंगे. कहते हैं ग्रामीणपैक्स अध्यक्ष मो मारफीन, मो अनसार आलम, मो महबूब आलम, कुबेर कुमार, मदन कुमार, मो हारून आदि ने बताया कि सरकार द्वारा विद्यालय भवन के लिए राशि दी जाती है.
विद्यालय के लिए भूमि खरीदने के लिए राशि नहीं दिये जाने पर दोषपूर्ण नियम बताया. साथ ही इस नियम को बदलने की मांग करते हुए इस विद्यालय को शीघ्र बनाने की मांग की है. कहते हैं प्रधानाध्यापकप्रधानाध्यापक इनाम नबी ने कहा कि विद्यालय झोपड़ी टांग कर किसी तरह चलाया जाता है. यहां संसाधन का घोर अभाव है.
सीमित संसाधन में भी अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है. कहते हैं मुखियापंचायत के मुखिया मो वसीम अख्तर ने कहा कि विद्यालय के लिए भूमि की तलाश की जा रही है. सरकारी राशि से विद्यालय के लिए भूमि खरीदने का प्रावधान नहीं होने के कारण भूमि मिलने में परेशानी हो रही है.