कटिहार . संसद, रेल मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रालय के दफ्तरों में अधिकांश कामकाज अंगरेजी भाषा में होने पर स्थानीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह ने चिंता जताया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि गुलामी के प्रति अंगरेजी भाषा के प्रति प्रेम ठीक नहीं है. अंग्रेजों को भगाने के लिए पूर्वजों ने अपना बलिदान दिया है. अंग्रेजों को छोड़ी हुई अंगरेजी आज भारत सरकार का शान बना हुआ है. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. आजादी के 67 वर्षों बाद भी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय के कामकाज की भाषाओं में अंग्रेजियत की मौजूदगी देशवासी को गुलामी की याद दिलाता है. उन्होंने प्रधानमंत्री से ऐसी व्यवस्था को बदलने की मांग की है.
अंगरेजी का इस्तमाल ज्यादा होने पर चिंता
कटिहार . संसद, रेल मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्रालय के दफ्तरों में अधिकांश कामकाज अंगरेजी भाषा में होने पर स्थानीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता जगदीश प्रसाद साह ने चिंता जताया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि गुलामी के प्रति अंगरेजी भाषा के प्रति प्रेम ठीक नहीं है. अंग्रेजों को भगाने […]
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