कुरसेला: महानंदा, कोसी व गंगा नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. कोसी व गंगा का जलस्तर धीमी गति से उफान पर है. जिले में प्रवाहित होने वाली महानंदा नदी का जलस्तर बहरखाल झौआ गोविंदपुर में वृद्धि की ओर है.
नदी का जलस्तर धबौल, कुरसेल, दुर्गापुर में घटती पर है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कुरसेला में कोसी नदी 27.110 सेमी के जलस्तर पर प्रवाहित हो रही है. इनके जलस्तर में प्रति घंटे हाफ सेमी की वृद्धि बनी हुई है. बीरपुर का जलस्तर 74.490 और 94100 क्यूसेक पानी का निस्तारण किया गया है. नेपाल के बराह क्षेत्र का जलस्तर 117.060 और 71600 क्यूसेक पानी नदी में निस्तारण हुआ है. इन दोनों अहम स्थानों पर जलस्तर बढ़ रहे हैं.
बाढ़ नियंत्रण कक्ष कटिहार के अनुसार गंगा नदी रमायणपुर 23.47 के जलस्तर पर व काढ़ागोला घाट में 27.07 सेमी पर प्रवाहित हो रही है. गंगा के जलस्तर में प्रति घंटे हाफ सेमी का वृद्धि होना बताया गया है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष के हवाले दी गयी जानकारी में गंगा और महानंदा नदी से जुड़े सभी छोटे-बड़े तटबंधों को सुरक्षित बताया गया है. बाढ़ के खतरा निशान से नदियों का जलस्तर अभी नीचे बना हुआ है.
बढ़ते उफान के स्थितियों ने बाढ़ खतरे का संकेत दे दिया है. बारिश से जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड में जलस्तर वृद्धि गंगा नदी के उफान में वृद्धि ला सकता है. हालांकि, बीरपुर व बराह क्षेत्र से कोसी नदी में पानी का निस्तारण बढ़ गया है. कारी कोसी बरंडी सहित अन्य नदियां खतरे की स्थिति से बाहर है. कटाव का प्रकोप क्षेत्र के कई गांवों पर मंडरा रहा है. इससे खेरिया बालू टोला तीनधरिया आदि गांवों का अस्तित्व खतरे में बना हुआ है. नतीजतन, जलस्तर बढ़ने व कटाव होने से लोगों में दहशत है.