फोटो नं. 39 कैप्सन – इजतेमागाह में बयान सुनते अकीदतमंद. प्रतिनिधि, बारसोईसबों में कुछ न कुछ ऐब है. सिर्फ अल्लाह ही बे ऐब हैं. इसलिए हमें दूसरों में ऐब देखने के बजाय अपने में ही ऐब ढूंढ़ने चाहिए. उक्त बातें बारसोई में चल रहे तबलिगी इजतेमा के दूसरे दिन शनिवार को जमशेदपुर से आये वरिष्ठ अकाबीर मास्टर इदरिश ने उपस्थित अकीदतमंदों को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने माफी की महत्ता बताते हुए कहा कि अगर इनसान अपनी गलतियों पर पछताता है तो अल्लाह उसे अवश्य माफ कर देता है. उसी तरह हम लोगों को भी किसी के द्वारा की गयी गलती को माफ कर देना चाहिए. उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके तीन मुख्य उपदेशों को अमल में लाने की नसीहत दी. जिनमें अल्लाह को एक मान कर सिर्फ उनकी ही इबादत करें. गैर अल्लाह का नकारना माल कमाने के बजाय आमाल को दुरुस्त करना एवं नेक बातों एवं खुदा के हुक्म पर अमल कराना ही असल कामयाब जिंदगी है. वहीं इजतेमा के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य भीड़ जमा करना नहीं बल्कि हुजूर मोहम्मद साहब के वसूलों को जीवन में उतार कर उस पैगाम को गांव-गांव, घर-घर पहुंचाना है. इजतेमा के दूसरे दिन हजारों अकीदतमंद इजतेमागाह पहुंच कर लाभ उठाया.
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सिर्फ अल्लाह ही बे ऐब है, दूसरों में नहीं अपने में ढ़ूंढ़ों ऐब : मास्टर इदरिश
फोटो नं. 39 कैप्सन – इजतेमागाह में बयान सुनते अकीदतमंद. प्रतिनिधि, बारसोईसबों में कुछ न कुछ ऐब है. सिर्फ अल्लाह ही बे ऐब हैं. इसलिए हमें दूसरों में ऐब देखने के बजाय अपने में ही ऐब ढूंढ़ने चाहिए. उक्त बातें बारसोई में चल रहे तबलिगी इजतेमा के दूसरे दिन शनिवार को जमशेदपुर से आये वरिष्ठ […]
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