सुबह से ही परिषद के सदस्यों ने जुलूस निकाल कर शहर में प्रदर्शन किया. नीतीश सरकार होश में आओ, छात्र हित का हनन बंद करो, तानाशाही बंद करो जैसे विभिन्न नारो के साथ परिषद नेताओं ने प्रदर्शन किया. परिषद के आह्वान पर बिहार बंद के तहत शहर के प्रमुख बाजार की दुकानें रही. बाजार में दोपहर तक सन्नाटा था. वाहनों के नहीं चलने से सड़क भी सुनसान दिख रही थी.
बंद होने की वजह से करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ. बंद समर्थकों ने शहीद चौक को जाम कर प्रदर्शन किया. तीन घंटे तक परिषद नेता व सदस्यों ने शहीद चौक के मुख्य पथ को जाम कर दिया, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ. बाद में स्थानीय प्रशासन ने 31 बंद समर्थकों को हिरासत में लेकर जाम समाप्त कराया. परिषद के विभाग संयोजक गौतम अभिषेक, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अजरुन कुमार भगत, राजेश भगत, वसंत कुमार, नगर मंत्री अनिश सिंह, संजीव कुमार मंडल, जिला संगठन मंत्री धनरंजन कुमार, विनीत मिश्र, अशोक कुमार, अखिलेश कुमार, रमण श्रीवास्तव, चंदन कुमार, छोटू कुमार, संदीप कुमार मंडल, राहुल कुमार, सौरभ कुमार साह, रविशंकर आदित्य कुमार, रोहित कुमार विक्की, अमित कुमार, मयंक सिन्हा, सुमित वर्मा, राकेश चौधरी सहित बड़ी संख्या में छात्र नेता जुटे रहे. इधर, बिहार बंद में शामिल नियोजित शिक्षकों के समर्थन में सांसद पप्पू यादव के आह्वान पर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने युवा नेता आशु कुमार के नेतृत्व में सड़क पर उतरा. नियोजित शिक्षकों के मांगों को जायज ठहराते हुए आशु कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार दमनात्मक कार्रवाई कर रही है. मौके पर नैनिश कुमार, सलीम, तनुज कुमार, विशाल कुमार, चंदन कुमार, शुभम यादव, कैला, असफाक करीम, शिवम यादव, फिरोज, सुरज, ललन, प्रकाश, डिंपल, अमर, रजनीश आदि ने सक्रिय भूमिका निभायी.