कटिहार: झूठे वादे खर्चीले-भ्रामक प्रचार व लुभावना नारों के बूते मोदी की सरकार बनी है. बगैर सत्ता के सात सौ करोड़ से अधिक रुपये चुनाव में खर्च कर केंद्र की सत्ता हथियाने में सफल हुई है भाजपा. उक्त बातें पूर्व शिक्षा मंत्री सह जदयू नेता डॉ रामप्रकाश महतो ने संवाददाताओं से कही. पिछले लोकसभा चुनाव में गरीबों की पार्टी का दम्भ भरने वाली भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने चुनावी खर्च का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. एनडीए ने चाय चाय वाले के बेटा को प्राधनमंत्री बनाने के लिए 714 करोड़ रुपये आधिकारिक रूप से चुनाव में प्रचार-प्रसार व वोटरों को लुभाने के नाम पर खर्च किया है.
डॉ महतो ने कहा कि इतने पैसे से कई राज्यों के गरीबी रेखा से उपर उठाया जा सकता था. कमजोर तबकों के जरूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी इस पैसे का इस्तेमाल किया जा सकता था. मगर सोची समझी रणनीति के तहत देश के भोले-भाले, गरीब, दलितों को आकर्षक, महंगे व भ्रामक प्रचार के माध्यम से दिग्भ्रमित किया गया.
भारत जैसे गरीब देश में अमीर पश्चिमी देशों की तर्ज पर खर्चीले चुनाव प्रचार के माध्यम से सरकार बनाना गरीबों का अपमान है. डॉ महतो ने कहा कि बीते नौ माह में केंद्र सरकार के लुभावने वादों की पोल खुल गयी है. महंगाई, भ्रष्ट्राचार, सुरक्षा व विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कोई सुधार नहीं हो पाया है. दूसरी ओर अल्पसंख्यक समुदाय में बेवजह असुरक्षा का भाव भाजपा व उसके सहयोगी संगठनों की ओर से पैदा किया जा रहा है. कालाधन वापस लाने के मामले में केंद्र सरकार का रवैया धोखापूर्ण है. डॉ महतो ने स्पष्ट कहा कि गरीबों को ठगने वाली इस केंद्र सरकार का चेहरा उजागर हो गया है.