बलिया बेलौन. शहादत का पर्व मुहर्रम के चालीस वीं दिन में चेहल्लूम का पर्व बलिया बेलौन क्षेत्र के रसूलपुर गांव में मनाया गया. रसूलपुर गांव के सिया समुदायों द्वारा रविवार को चेहल्लूम के अवसर पर जंजीरी मातम, ब्लेड मातम, कामा मातम के साथ-साथ मरसीया खानी कर हजरत इमाम हसन एवं इमाम हुसैन को याद किये. इस अवसर पर सैकड़ों सिया समुदाय के लोग मौजूद थे. साथ ही बूढ़े, बच्चे सहित महिलाओं ने भी चेहल्लूम के मातम में शरीक हुए. वहीं ग्रामीण सैयद कलाबे हुसैन, सैयद सज्जाद हुसैन, इम्तियाज हुसैन, सैयद जिया अली, मोमताज हुसैन, अनीस हैदर, आमीर हुसैन, यासूब हुसैन, साबीर हुसैन द्वारा चेहल्लूम में शांति व्यवस्था बनाये रखने में सराहनीय योगदान रहा. ज्ञात हो कि मुहर्रम का पर्व सिया एवं सुन्नी दोनों समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है. सिया समुदाय के लिए मुहर्रम सबसे पवित्र पर्व है. इस पर्व को श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है. इसमें जंजीर, ब्लेड आदि से अपने शरीर में चोट कर हजरत इमाम हसन एवं इमाम हुसैन की याद में अपने को लहूलुहान किया जाता है. इस पर्व को गम का पर्व भी कहा जाता है.
शांतिपूर्ण माहौल में मना चेहल्लुम का पर्व
बलिया बेलौन. शहादत का पर्व मुहर्रम के चालीस वीं दिन में चेहल्लूम का पर्व बलिया बेलौन क्षेत्र के रसूलपुर गांव में मनाया गया. रसूलपुर गांव के सिया समुदायों द्वारा रविवार को चेहल्लूम के अवसर पर जंजीरी मातम, ब्लेड मातम, कामा मातम के साथ-साथ मरसीया खानी कर हजरत इमाम हसन एवं इमाम हुसैन को याद किये. […]
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