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समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अहम

कटिहार : ले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को होने वाले शिक्षक दिवस को लेकर चहल-पहल देखी जा रही है. एक तरफ जहां सरकारी विद्यालय के शिक्षक गुरुवार को समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर सामूहिक हड़ताल पर रहने की घोषणा की है. दूसरी तरफ निजी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस को […]

कटिहार : ले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को होने वाले शिक्षक दिवस को लेकर चहल-पहल देखी जा रही है. एक तरफ जहां सरकारी विद्यालय के शिक्षक गुरुवार को समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर सामूहिक हड़ताल पर रहने की घोषणा की है. दूसरी तरफ निजी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी जोर शोर से चल रही है.

इस बीच बदलते परिवेश व बाजारवाद के इस दौर में गुरु-शिष्य की पारंपरिक अवधारणा की भी कमी महसूस की जा रही है. जबकि कुछ ऐसे भी शिक्षक है जो यकीनन पारंपरिक गुरु की अवधारणा को सार्थक बनाने में जुटे है. ऐसे शिक्षक ही समाज में एक उम्मीद जगाती है. शिक्षा के महत्व को समाज में स्थापित करते है. न केवल बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करते है.
बल्कि समाज को भी उसके लिए जागृत करते है. सामाजिक ताना-बाना के इस बदलते दौर में लीक से हटकर भी शिक्षक अपने दायित्वों का निर्वहन करते है. शिक्षक दिवस पर ऐसे शिक्षकों को पर्याप्त सम्मान व सराहना मिलने चाहिए. गुरुवार को होने वाले शिक्षक दिवस पर प्रभात खबर ने कुछ ऐसे शिक्षकों की विशेषता को अपनी रिपोर्ट में शामिल की है.
आदिवासी लड़की को पढ़ाने में सहयोग करती हैं हेमलता
कटिहार सदर प्रखंड अंतर्गत भवाड़ा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय लगनटोला शिक्षिका के पद पर हेमलता कुमारी पदस्थापित है. वह अपने स्कूली शिक्षा के दायित्वों के अलावा सामाजिक कार्यों में उनकी रुचि रहती है. हालांकि इस विद्यालय में पदस्थापन से पहले वह विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़कर सामाजिक कार्यों में रुचि रखती रही है. यही वजह है कि शिक्षिका बनने के बाद भी वह सामाजिक कार्यों में रुचि रखती है.
हेमलता एक आदिवासी बच्ची को पढ़ने में इन दिनों सहयोग कर रही है. शहर के समीप खजूरबन्ना गांव के मंगल बेसरा की पुत्री वासंती कुमारी प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय बसतौल में नौवीं कक्षा में पढ़ती है. बातचीत में हेमलता कहती है कि वासंती को पढ़ने की इच्छा शुरू से थी. पर उनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था.
आदेशपाल रहने के बावजूद मनोज ने पत्नी को कराया पीजी
जिले के हसनगंज प्रखंड अंतर्गत पोखरिया संथाली निवासी मनोज कुमार महतो प्रखंड संसाधन केंद्र फलका में आदेशपाल के पद पर काम करते है. इनकी पढ़ाई इंटर तक हुई है. जब इनकी शादी हुई तो पत्नी निशा कुमारी को पढ़ने की इच्छा थी. मनोज अपनी पढ़ाई इंटर से आगे नहीं कर पाया. लेकिन अपनी पत्नी निशा को पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाया.
उच्चतर शिक्षा दिलाने के साथ-साथ मनोज अपनी पत्नी को शिक्षिका बनाने में भी सहयोग किया. मनोज की पत्नी कटिहार प्रखंड अंतर्गत भवाड़ा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय लगनटोला में शिक्षिका के पद पर काम कर रही है. बातचीत में निशा कहती है कि उनकी पढ़ाई को जारी रखने में पति ने भरपूर सहयोग किया. साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों ने भी सहयोग किया.
लीक से हटकर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं दिनेश दुबे
शहर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बर्मा रिफ्यूजी कॉलोनी कुछ उम्मीद जरूर जगाती है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिनेश दुबे स्वयं दिलचस्पी लेकर विद्यालय के रचनात्मक विकास व बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर हमेशा सक्रिय रहे है.
यही वजह है कि बुधवार को पटना में आयोजित होने वाले राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2017 से सम्मानित हो चुके है. श्री दुबे की प्रतिबद्धता की वजह से विद्यालय के बच्चों के बीच शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा उनके समग्र विकास के लिए खेलकूद, स्काउटिंग, सांस्कृतिक गतिविधि सहित विभिन्न विधाओं में स्कूल के बच्चे सक्रिय भागीदारी देते है. इंस्पायर, विज्ञान, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज सहित विभिन्न प्रतियोगिता संबंधी गतिविधियों में भी यहां के बच्चे जौहर दिखा रहे है.
अपने इंटर तक पढ़े, पर पत्नी को पीजी कराया वीरेंद्र कुमार ने
जिले के डंडखोरा प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय दुर्गास्थान में वीरेंद्र कुमार नामक एक शिक्षक पदस्थापित है. विरेंद्र कुमार इंटर की तक पढ़ाई किया है. जब उनकी शादी हुयी तो पत्नी रीना कुमारी को आगे पढ़ाई करने की इच्छा थी. अभी वीरेंद्र अपनी पत्नी को बीएड करा रहा है.
अगर अगर महिलाएं पढ़ती है तो पूरा परिवार को इसका लाभ मिलता है. शादी के बाद पत्नी की इच्छा आगे पढ़ाई करने के लिए थी तो उसमें वह सहयोग करते रहे. पत्नी की इच्छा है कि बीएड करने के बाद शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाएं. इसमें वह सहयोग कर रहे है. इस बीच वीरेंद्र की पत्नी रीना कहती है कि उनकी पढ़ाई में पति का पूरा सहयोग रहा है. अब वह बीएड करके शिक्षिका बनना चाहती है.

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