अब तक दो चरणों में नये लाइसेंस किये गये हैं जारी
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पीडीएस विक्रेता के चयन में नियमों की अनदेखी, आवेदकों में आक्रोश
अब तक दो चरणों में नये लाइसेंस किये गये हैं जारी लाइसेंस को लेकर विभागीय मार्गदर्शिका का हुआ उल्लंघन कटिहार : जिले के तीनों अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में नये जन वितरण प्रणाली के संचालन को लेकर जारी किए गए नये लाइसेंस में भारी अनियमितता का मामला उजागर होने लगा है. तत्कालीन […]
लाइसेंस को लेकर विभागीय मार्गदर्शिका
का हुआ उल्लंघन
कटिहार : जिले के तीनों अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में नये जन वितरण प्रणाली के संचालन को लेकर जारी किए गए नये लाइसेंस में भारी अनियमितता का मामला उजागर होने लगा है. तत्कालीन जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में गठित जिला चयन समिति ने जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के लिए नए लाइसेंस दो चरणों में अब तक जारी किया है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिले में करीब 300 से अधिक लाइसेंस जारी की गयी है. जिसमें भारी पैमाने पर अनियमितता हुई है. लाइसेंस को लेकर विभागीय मार्गदर्शिका का भी उल्लंघन का मामला सामने आने लगा है. माना जा रहा है कि डीएम के अध्यक्षता वाली जिला चयन समिति ने नियमों को ताक पर रखकर नयी लाइसेंस जारी करने की अनुशंसा की है. कई आवेदकों ने विभिन्न फोरम में शिकायत भी करना शुरू कर दिया है.
वर्तमान जिला पदाधिकारी के साथ-साथ जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी व लोक शिकायत निवारण केंद्र में भी बड़े पैमाने पर नये लाइसेंस की अनुशंसा के विरोध में परिवाद पत्र दायर किए जा रहे है. पूरे जिले में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जन वितरण प्रणाली के नए लाइसेंस निर्गत करने के लिए जिन आवेदकों का अनुशंसा किया गया है. उसमें काफी घालमेल हुआ है. लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि मोटी रकम लेकर खास लोगों को लाइसेंस जारी की गयी है.
जबकि जो कारण बताकर विभिन्न आवेदन को अस्वीकृत किया गया है. उसे देखने से पता चलता है कि नियमों को किस तरह जिले के आला अधिकारी की मौजूदगी में नजरअंदाज किया गया है. ऐसे परिवाद पत्र व नये लाइसेंस के विरुद्ध शिकायत करने वाले आवेदकों को नये जिला पदाधिकारी से एक उम्मीद जगी है. ऐसे आवेदकों का मानना है कि जिस तरह बड़े पैमाने पर लाइसेंस निर्गत करने की अनुशंसा करने में अनियमितता हुयी है. नये जिला पदाधिकारी ऐसे लाइसेंस को रद्द कर आवेदकों के साथ न्याय करेंगे. हलाकि मौजूदा जिला पदाधिकारी ने भी कहा है कि जहां से शिकायतें आ रही है. उसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित भी किया गया है.
केस स्टडी-1
जिले के बारसोई प्रखंड अंतर्गत भवानीपुर पंचायत निवासी प्रवीण खातून ने जिला पदाधिकारी को को एक आवेदन देकर कहा है कि के यहां जिसे जन वितरण प्रणाली के संचालन के लिए लाइसेंस जारी की गई है वह नियमों के विरुद्ध है आटा चक्की वाले आवेदक का चयन नहीं करना था लेकिन आटा चक्की वाले आवेदक का चयन किया गया है जब लाइसेंस निर्गत करने का निर्णय लिया गया तब आनन फानन में आटा चक्की को बेच दिया आवेदन में इस बात का भी जिक्र है कि जिस आवेदक का चयन किया गया है उसके द्वारा जिस भूमि का उल्लेख उनके आवेदन में किया गया है वह गलत है साथ ही कई तरह की गड़बड़ियां भी की गई है
केस स्टडी-2
डंडखोरा प्रखंड अंतर्गत द्वाशय पंचायत मे जन वितरण प्रणाली की दो रिक्त स्थान पर अनुसूचित जाति के एक व समान्य मे एक रिक्त है. जिसमे समान्य मे चार आवेदन दिये गये और एससी से दो आवेदक किये है. एससी मनीष रजक व श्रवण सादा ने आवेदन किया था. पंचायत के एक से सात वार्ड तक जन वितरण प्रणाली की एक भी दुकान नहीं है. इसी क्षेत्र मे आवेदक मनीष रजक का घर है.पर जिसका चयन किया गया है. उसका घर न केवल 3-4किलोमीटर दूर है. बल्कि वह वर्तमान में वार्ड सदस्य का पुत्र भी है. मार्गदर्शिका के अनुसार जनप्रतिनिधि के परिवार के सदस्यों का चयन जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के रुप में नहीं किया जाना है. पर यहां नियमों की खुलकर कर धज्जियां उड़ायी गयी है.
केस स्टडी-3
इसी प्रखंड के डंडखोरा पंचायत में नियमों के विरुद्ध जन वितरण प्रणाली के विक्रेता का चयन किया गया है. डंडखोरा पंचायत में एक अनारक्षित सीट है. इस अनारक्षित सीट पर पैक्स अध्यक्ष की पत्नी का चयन किया गया है. पैक्स अध्यक्ष पिछड़ी जाति से आते है. इसका चयन अनारक्षित सीट पर किया गया है. जबकि पिछड़ी जाति का सीट को खाली रख दिया गया. दूसरी तरफ इसी पंचायत में अनुसूचित जाति के एक सीट के लिए जिस आवेदक का चयन किया गया है. वह वर्तमान पीडीएस से काफी नजदीक है. जबकि जिसका आवेदन यह कह कर अस्वीकृत किया गया कि वर्तमान पीडीएस से उसकी दूरी कम है.
केस स्टडी-4
कटिहार सदर प्रखंड सिरानियाँ पश्चिम से एक आवेदक ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के लाइसेंस जारी करने में अनियमितता की शिकायत की है. सिरानियाँ पश्चिम पंचायत के शाहबाज आलम ने डीएम को दिए आवेदन में कहा है कि डीएम की अध्यक्षता वाली जिला चयन समिति ने उसके आवेदन को यह कहकर अस्वीकृत कर दिया कि वर्तमान पीडीएस से उसके व्यापार स्थल की दूरी कम है. जबकि हकीकत यह है कि जिस आवेदक का चयन किया गया है. उसके व्यापार स्थल की दूरी वर्तमान पीडीएस से काफी कम है. शाहबाज ने आवेदन में अन्य कई तरह की अनियमितता की भी शिकायत की है. उन्हें उम्मीद है कि वर्तमान जिला पदाधिकारी उनके आवेदन पर संज्ञान लेकर चयन प्रक्रिया को रद्द करेंगे.
नये लाइसेंस को लेकर तरह-तरह की चर्चा
जिला चयन समिति के द्वारा नए जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के चयन को लेकर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. पिछले एक सप्ताह से लाइसेंस को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है. चर्चाओं में यह बात उजागर हो रही है कि पैसा, पहुंच व पैरवी के बल पर नियमों को ताक पर रखते हुए नया लाइसेंस जारी करने के लिए खास आवेदकों के आवेदन को अनुमोदित किया गया है.
जनप्रतिनिधि के परिवारों को लाइसेंस नहीं जारी करनी थी. ऐसे परिवारों को भी लाइसेंस जारी की गयी है. दूसरी तरफ चयन को लेकर जो नियमावली बनायी गयी थी. उसकी भी अनदेखी की बात सामने आ रही है. प्रभात खबर के प्रतिनिधि इस संदर्भ में जिला आपूर्ति पदाधिकारी से पिछले दो-तीन दिनों से संपर्क करने की कोशिश भी किये है. पर उनसे संपर्क नहीं हो सका. यही वजह है कि अनियमितता को लेकर उनका पक्ष सामने नहीं आ सका है.
कहते हैं जिला पदाधिकारी
इस संदर्भ में जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के चयन को लेकर जो भी शिकायतें मिल रही है. उसकी जांच करायी जा रही है. जांच में अगर गलत पाया जाता है तो उस लाइसेंस को रद्द किया जायेगा.
पूनम, जिला पदाधिकारी
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