गर्म कपड़े की दुकानों पर लगी रही ग्राहकों की भीड़
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दिन में खिली धूप, कनकनी से राहत नहीं शाम होते ही बाजार में छा गया सन्नाटा
गर्म कपड़े की दुकानों पर लगी रही ग्राहकों की भीड़ कटिहार : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिनों से जारी ठंड व शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. हालांकि सोमवार को धूप निकलने से लोगों ने थोड़ी राहत मिली है. सोमवार को न्यूनतम तापमान सात डिग्री व अधिकतम तापमान 19 डिग्री रहा. कुहासे […]
कटिहार : जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 15 दिनों से जारी ठंड व शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. हालांकि सोमवार को धूप निकलने से लोगों ने थोड़ी राहत मिली है. सोमवार को न्यूनतम तापमान सात डिग्री व अधिकतम तापमान 19 डिग्री रहा. कुहासे व ठंड की वजह से सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गयी है. ठंड बढ़ने से सबसे खराब स्थिति गरीब, मजदूर वर्ग व फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की है. इनके लिए प्रशासनिक स्तर से कहीं कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. ठंड बढ़ने से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. बुजुर्ग व बच्चे परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ ठंड के बढ़ने से गर्म कपड़े की दुकानों में भीड़ लगी रही. रूम हीटर व पानी गरम करने वाले संयंत्र की खरीदारी को लेकर भीड़ देखने को मिली.
पर्याप्त मात्रा में कंबल का नहीं हो रहा वितरण: ठंड से बचाव को लेकर इस बार जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कंबल वितरण का निर्देश दिया है. प्रशासनिक निर्देश के आलोक में इन दिनों कंबल का वितरण किया गया है. पर जितनी संख्या में कंबल वितरित की गयी है. वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है.
पर्याप्त संख्या में कंबल नहीं मिलने की वजह से गरीब व मजदूर वर्ग के लोगों को किसी तरह ठंड में जिंदगी गुजारनी पड़ रही है. कंबल वितरण कि सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है. उल्लेखनीय है कि हर वर्ष ठंड के समय सरकार की ओर से कंबल वितरण करने की रस्म अदायगी की जाती है. इस बार भी यही हो रहा है, जितनी संख्या में गरीब, मजदूर, बुजुर्ग है. उसके अनुपात में कंबल का आवंटन काफी कम किया गया है.
बर्बाद होने लगी है खेतों में लगी फसल
इन दिनों मक्का और रबी फसल की बुआई व सिंचाई आदि का कार्य तेजी से हो रहा है. भीषण ठंड और कोहरा की वजह से ऐसे में फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है. मक्का व गेहूं लगाने के बाद उसके अंकुरित होने में अधिक समय लग रहा है. दूसरी तरफ मजदूरों को खेतों में काम करने में भी परेशानी हो रही है.
जिन किसानों ने पहले ही मक्का लगा दिया है. वैसे किसानों को मक्का फसल के पटवन व अन्य कार्यों में परेशानी हो रही है. मजदूर भी ऐसे समय में काम करने से कतरा रहे हैं, जबकि समय पर सब कुछ नहीं होने से फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इस भीषण ठंड व घना कोहरा से सबसे अधिक नुकसान आलू को होने लगा है. हालांकि सब्जी सहित अन्य फसलों को भी शीत लहर व ठंड से नुकसान होने की आशंका बढ़ गयी है. अगर यही स्थिति कुछ दिन तक और रही तो फसलों को पाला से नहीं बचाया जा सकेगा. ठंड व शीतलहर का असर भी फसलों पर अब दिखने लगा है. गेहूं व मक्का की फसल पीली पड़ने लगी है.
हालांकि किसान चौपाल के जरिये किसानों को कृषि वैज्ञानिक के द्वारा ऐसे समय में एहतियात बरतने को लेकर कई तरह के सुझाव दिये जा रहे हैं. पर सुझाव ऐसे हैं कि आम किसान उसका अमल नहीं कर पाते हैं. फलस्वरूप प्रकृति की इस मार से किसान परेशान हैं. खरीफ फसल को बाढ़ लील गयी. अब रबी व मक्का फसल सहित सब्जी आदि की खेती पर ठंड व शीत लहर का कहर जारी है.
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