हालात . राज्य सरकार के नये आदेश से उत्पन्न हुई समस्या
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अंत्योदय, बीपीएल परिवारों को नहीं मिल रहा केरोसिन, बढ़ी परेशानी
हालात . राज्य सरकार के नये आदेश से उत्पन्न हुई समस्या बिजली रहती नहीं, गरीब व मजदूर वर्ग अंधेरे में रात बिताने को मजबूर कटिहार : जिले में एक ओर केरोसिन की कालाबाजारी जोरों पर है, तो दूसरी तरफ लोगों को केरोसिन की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. राज्य सरकार के नये आदेश के […]
बिजली रहती नहीं, गरीब व मजदूर वर्ग अंधेरे में रात बिताने को मजबूर
कटिहार : जिले में एक ओर केरोसिन की कालाबाजारी जोरों पर है, तो दूसरी तरफ लोगों को केरोसिन की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. राज्य सरकार के नये आदेश के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गयी है. केरोसिन वितरण को लेकर राज्य सरकार के नये आदेश के अनुसार जन वितरण प्रणाली के यहां सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभुक को ही प्रति परिवार दो लीटर केरोसिन मिलेगा, जबकि खाद्य सुरक्षा योजना इतर लाभुकों को ठेला वेंडरों के माध्यम से प्रति परिवार एक लीटर तेल उपलब्ध कराया जायेगा. ऐसे सरकारी आदेश के अनुसार, नवंबर महीने का केरोसिन नये नियमानुसार वितरण किया जाना है.
यही वजह है कि अब तक एपीएल, बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारियों को केरोसिन नहीं मिल सका है, जबकि दिसंबर का महीना चल रहा है. बगैर केरोसिन के ग्रामीण क्षेत्र के गरीब और मजदूर वर्ग के लोग रात को कैसे रहते होंगे, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. स्थानीय जिला आपूर्ति कार्यालय की मानें, तो सबसे खराब स्थिति जिले के आजमनगर, बारसोई, बलरामपुर, कदवा, अमदाबाद आदि प्रखंडों की है. इन प्रखंडों में तो ठेला वेंडर पर्याप्त संख्या में हैं भी नहीं.
उल्लेखनीय है कि कटिहार जिले में एपीएल, बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारियों की संख्या 650760 है. जबकि इसमें खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित परिवारों की संख्या 526831 शामिल है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार 123929 परिवारों को ठेला वेंडरों के माध्यम से केरोसिन उपलब्ध कराया जाना है. नये सरकारी आदेश से स्थानीय जिला आपूर्ति कार्यालय के पसीने छूट रहे हैं. हालांकि जिला आपूर्ति पदाधिकारी की मानें, तो नये आदेश के अनुसार जिले में उपलब्ध ठेला वेंडरों को प्रखंड के साथ लाभुकों को संबद्ध कर दिया गया है. साथ ही राज्य सरकार को पूरी स्थिति अवगत कराते हुए मार्गदर्शन भी मांगा गया है. यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्र में किसी भी वर्ग को केराेसिन उपलब्ध कराने पर रोक लगा दी है.
बच्चों की पढ़ाई भी हो रही बाधित : केरोसिन नवंबर से नहीं मिलने की वजह से सबसे अधिक परेशानी गरीब व मजदूर वर्ग को हो रही है. ऐसे लोगों को अंधेरे में रात गुजारना पड़ रहा है. केरोसिन से ऐसे लोग केवल रात में खाना बनाने व अन्य कार्यों के लिए रोशनी के उपयोग के रूप में करते रहे हैं. बल्कि अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने में भी केरोसिन तेल लालटेन व ढिबरी जलाने का काम में आता है.
उल्लेखनीय है कि जिले में करीब ऐसे अंत्योदय, बीपीएल एवं खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित कार्डधारकों की संख्या 123929 है. इसमें भी सबसे अधिक परेशानी मनिहारी ग्रामीण, अमदाबाद, बारसोई, बलरामपुर, आजमनगर, कदवा प्रखंडों की है. इन प्रखंडों में ठेला वेंडर की पर्याप्त संख्या नहीं होने की वजह से लाभुकों को अब तक केरोसिन नहीं मिला है.
जनप्रतिनिधि व राजनीतिक दल भी उदासीन : ठेला वेंडरों के माध्यम से अत्यंत गरीब व मजदूर वर्ग यानी अंत्योदय, बीपीएल परिवारों को केराेसिन देने का निर्देश दिया गया है. ठेला वेंडर की पर्याप्त संख्या नहीं होने की वजह से नवंबर से गरीब व अत्यंत मजदूर वर्ग के लोगों को केरोसिन नहीं मिला है.
पर अब तक किसी राजनीतिक दल या जनप्रतिनिधि ने इस मामले को लेकर कोई आवाज नहीं उठाया है. सिर्फ खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित लाभुकों को ही जन वितरण प्रणाली के द्वारा केरोसिन मिल रहा है. हालांकि जिला प्रशासन ने अपने स्तर से पहल शुरू कर दी है. पर उसके पहल पर कितने दिनों में समस्या का समाधान होगा. यह कहना मुश्किल है.
बारसोई, बलरामपुर, आजमनगर, कदवा प्रखंड में अधिक परेशानी
नये सरकारी आदेश के तहत खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित तथा अंत्योदय, बीपीएल परिवारों को ठेला भेंडर के माध्यम से प्रति परिवार एक लीटर केरोसिन दिया जायेगा. विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले के बारसोई, बलरामपुर, अमदाबाद, मनिहारी ग्रामीण में एक भी ठेला वेंडर नहीं हैं, जबकि आजमनगर में मात्र एक ठेला वेंडर है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, कटिहार शहर में 64 ठेला वेंडर है, जिसे मनिहारी,
आजमनगर, बारसोई एवं बलरामपुर के लाभुकों के बीच जाकर केरोसिन वितरण करना है. कटिहार से इन प्रखंडों की दूरी 30 से 60 किलोमीटर पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कटिहार शहर से ठेला वेंडर उक्त प्रखंड में जाकर किस तरह केरोसिन का वितरण करेंगे. कटिहार प्रखंड में 7, कोढ़ा में 25, फलका में 7, समेली में तीन, कुर्सेला में 7, बरारी में 19, हसनगंज में पांच, डंडखोरा में चार, मनसाही में छह, प्राणपुर में 9, मनिहारी शहर में 9, कदवा में सात ठेला वेंडर उपलब्ध हैं. जिले में कुल 173 ठेला वेंडर हैं.
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