कटिहार : सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा है. ताजा मामला प्रसव करवाने में लापरवाही से जुड़ा है. इस लापरवाही से प्रसूता की जान जाते-जाते बची. दरअसल शहर की नया टोला निवासी आरती देवी पति अनिमेष नायक प्रसव पीड़ा होने के बाद 16 नवंबर को सदर अस्पताल में भरती हुई.
यहां उनका प्रसव सामान्य तरीके से हुआ और उन्हें बेटी हुई. पहला बच्चा होने के कारण प्रसव के बाद आरती को ब्लिडिंग शुरू हो गयी. ब्लिडिंग रोकने के लिए चिकित्सक ने अंदर कपड़ा, रूई डालकर बाहर से टांका लगा कर खून बहने से रोक दिया तथा घर भेज दिया. उस समय तो मरीज को इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन बाद में दर्द होना शुरू हो गया. कुछ दिन बीतने के बाद आरती को असहनीय पीड़ा होने लगी. महिला व उसके परिजन परेशान हो गये. कई तरह की दवा चिकित्सक की सलाह पर चलायी गयी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद परिजन आरती को 23 नवंबर को निजी क्लिनिक में ले गये.
यहां चिकित्सक को दिखाया. डॉक्टर ने कई तरह की जांच की व दवा दी पर कोई सुधार नहीं हुआ. 25 व 27 नवंबर को फिर चिकित्सक ने मरीज को देखा और दर्द के कारण का पता भी चल गया. इसके बाद डॉक्टर ने आरती के परिजनों को बताया कि जहां टांका लगा है, वहां कुछ गड़बड़ी दिख रही है. ऑपरेशन करना होगा. इसके बाद 29 नवंबर को महिला का ऑपरेशन कर टांका काटा गया, तो अंदर काफी मात्रा में कपड़ा व रूई मिला. उसे निकला गया. इसके बाद आरती को दर्द से राहत मिली. प्रसव वार्ड की इस लापरवाही का पता चलते ही परिजन आक्रोशित हो गये. गुरुवार को आरती के परिजन मामले को लेकर सीएस डॉ आरएन सिंह से मिले और पूरी जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की. सीएस ने पीड़ित परिजनों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच कर कार्रवाई होगी.