बस चालक ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में बस की छत पर लोड कर लेते हैं क्षमता से अधिक सामान
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ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर नहीं लग पा रही रोक
बस चालक ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में बस की छत पर लोड कर लेते हैं क्षमता से अधिक सामान कटिहार : जिले में ओवरलोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है. बस, ऑटो, ट्रक, ट्रैक्टर व अन्य वाहन पर क्षमता से ज्यादा माल लादकर ढोया जा रहा है. यही नहीं बस की बात करें तो बस […]
कटिहार : जिले में ओवरलोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है. बस, ऑटो, ट्रक, ट्रैक्टर व अन्य वाहन पर क्षमता से ज्यादा माल लादकर ढोया जा रहा है. यही नहीं बस की बात करें तो बस ड्राइवर ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में बस के छत के ऊपर माल के साथ-साथ यात्रियों को भी बैठा कर चल देते हैं. खुले आम नियमों की धच्चियां उड़ाते हैं. सबसे विकराल स्थिति ऑटो चालक उत्पन्न करते हैं. इनके पास परमिट होता है 12 से 20 किलोमीटर तक का और ज्यादा पैसा कमाने के लालच में नियम को ताक पर रखकर 50 किलोमीटर तक की यात्रा कर डालते हैं. इतना ही नहीं ऑटो में जितनी सीट होती है. उसके मुताबिक यात्रियों को नहीं बैठाया जाता है.
बल्कि उससे ज्यादा गाय, भैंस, माल की तरह लोड कर यात्रियों को बैठाकर सफर पर लेकर चल देते हैं. जिले में ऑटो दुर्घटना की खबर आते रहता है. ऑटो चालक में अधिकांश नाबालिग चालक होते हैं. जिनके पास लाइसेंस भी नहीं रहता है. जिला परिवहन की ओर से कई बार अभियान भी चलाया जाता है. लेकिन कोई खास असर इन लोगों पर नहीं पड़ता है. दूसरे दिन होसला को बुलंद कर यह लोग फिर से ओवरलोडिंग के खेल में लग जाते हैं.
परिवहन विभाग के नियम
परिवहन विभाग के नियमानुसार अगर चालक परमिट का उल्लंघन करते हैं. तो उन्हें दो से 5 हजार तक जुर्माना किया जाता है. सड़क पर यदि क्षमता से अधिक माल लोड है तो प्रत्येक टन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. बस में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने या माल लोड करने पर 2 से 5 हजार जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है.
कहते हैं जिला परिवहन अधिकारी : जिला परिवहन पदाधिकारी ए पंकज ने बताया कि ओवरलोडिंग की रोक थाम को लेकर समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है. वर्तमान में ऑटो और दो पहिया वाहनों की चेकिंग की जा रही है. ओवरलोड पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
एफसीआइ और एसएफसी में भी होती है ओवरलोडिंग
गोशाला स्थित रैक पॉइंट से एफसीआइ और एसएफसी के लिए ट्रक और ट्रैक्टर से अनाज भेजा जाता है. इस जगह से दोनों गोदाम तक अनाज ओवरलोडिंग कर भेजा जाता है. वाहन मालिक, ठेकेदार और पदाधिकारियों की मिलीभगत से क्षमता से अधिक माल लोड किया जाता है. जिसके कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. यदि इस मामले की जांच करायी जाय तो कई लोगो की गर्दन फंसेगी और दुर्घटना होने से लोगो की जान बचेगी. इस जगह पर चेकिंग नहीं होती है. शहर में सामानों की ढुलाई के लिए कई एजेंसी संचालित है. यहां पर बस से प्रत्येक दिन माल आता है और जाता है. अन्य जिले या राज्य के बाहर से आने वाले ट्रकों को ट्रैफिक पुलिस की मदद से शहर में प्रवेश कराया जाता है. इतना ही नहीं नो एंट्री के समय में भी स्वयं ट्रैफिक पुलिस सवार होकर उनको एजेंसी तक पहुंचाते हैं. बकायदा इसके लिए उनका कमीशन बंधा होता है. शहर में स्थापित एजेंसी द्वारा टपक ट्रैक्टर बस इत्यादि में क्षमता से अधिक माल लोड कर ट्रैफिक पुलिस की मदद से शहर के बाहर भेजा जाता है. शहर के शिव मंदिर चौक से अरगड़ा चौक, महिला कॉलेज रोड, बारिक चौक, रामपारा चौक इत्यादि जगहों पर यदि छापेमारी की जाय तो कई ओवरलोड वाहन पकडेंगे जायेंगे.
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