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प्राणपुर व मनिहारी में मंडराने लगा खतरा

कटाव . मनिहारी में अस्पताल तो प्राणपुर में स्कूल के अस्तित्व पर संकट अधीक्षण अभियंता कर रहे है कैंप कटिहार : यूं तो जिले के प्रमुख नदियों का जलस्तर अभी चेतावनी स्तर से काफी नीचे है लेकिन प्राणपुर व मनिहारी प्रखंड के कुछ हिस्सों में कटाव शुरू हो चुका है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण […]

कटाव . मनिहारी में अस्पताल तो प्राणपुर में स्कूल के अस्तित्व पर संकट

अधीक्षण अभियंता कर रहे है कैंप
कटिहार : यूं तो जिले के प्रमुख नदियों का जलस्तर अभी चेतावनी स्तर से काफी नीचे है लेकिन प्राणपुर व मनिहारी प्रखंड के कुछ हिस्सों में कटाव शुरू हो चुका है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता वहां कैंप कर रहे हैं. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार नदियों के घटते-बढ़ते जलस्तर के बीच बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कटिहार अंतर्गत झौआ-लाभा-महानंदा दांया तटबंध की चेन संख्या 911 के पास रेलवे के क्षतिग्रस्त स्पर के अप स्ट्रीम पर अत्यधिक दबाव के कारण कटाव तेज हो गया है.
अत्यधिक कटाव होने की वजह से लालगंज भगत टोला का अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. साथ ही वहां स्थित सरकारी विद्यालय के अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है. प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र प्रसाद मेहता यहां कैंप कर रहे हैं व युद्ध स्तर पर कटाव निरोधक कार्य चलाया जा रहा है. शनिवार को अनुमंडल पदाधिकारी उदिता सिंह कटाव स्थल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इधर मनिहारी प्रखंड अंतर्गत पीर मजार से स्थानीय जमींदारी बांध की चेन संख्या 11 से 15 तक के सामने बने लूप में कटाव तेज हो गया है. कटाव की वजह से स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व पीर मजार के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा में लगा है
. हालांकि कटाव को रोकने के लिए बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के द्वारा बालू भरे बोरे का भंडारण किया जा रहा है. सूत्रों की माने तो अगर कटाव की यही स्थिति रही तो मनिहारी शहर पर के अस्तित्व पर भी संकट उत्पन्न हो जायेगा. इस बीच शनिवार को रुक रुक कर हो रही बारिश के बीच महानंदा नदी के जलस्तर में थोड़ा नरमी आयी है. जबकि गंगा व कोसी नदी में उफान अब भी जारी है.
कहते हैं अधीक्षण अभियंता. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र प्रसाद मेहता ने बताया कि लालगंज भगतटोला के पास स्पर जारी कटाव को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. मनिहारी पीर मजार व अस्पताल के समीप हो रहे कटाव को रोकने के लिए भी कटाव निरोधक कार्य कराया जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि शीघ्र ही कटाव को रोक लिया जायेगा.
गंगा, कोसी में उफान, महानंदा का तेवर हुआ नरम. जिले में शनिवार को महानंदा नदी को छोड़कर गंगा, कोसी नदी के जलस्तर में से वृद्धि जारी है. पिछले 12 घंटे के दौरान महानंदा नदी का जलस्तर कई स्थानों पर स्थिर है. जबकि कुछ स्थानों पर कमी दर्ज की गयी है. दूसरी तरफ गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में 5 से 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार महानंदा नदी झौआ में शुक्रवार की शाम जलस्तर 29.65 मीटर था, जो शनिवार की सबेरे को घटकर 29.64 मीटर हो गया.
इसी नदी के बहरखाल में 29.22 मीटर था, जो स्थिर है. कुर्सेला में शुक्रवार की शाम 29.74 मीटर था, जो सबेरे घटकर 29.72 मीटर हो गया. इसी नदी के दुर्गापुर में जलस्तर 26.75 मीटर था,जो 12 घंटे बाद 26.75 मीटर ही रहा. गोविंदपुर में इस नदी का जलस्तर 25.27 मीटर था, जो शनिवार की सबेरे घटकर 25.23 मीटर हो गया. इस नदी का जलस्तर आजमनगर में 27.85 मीटर था,जो स्थिर है. धबोल में इस नदी का जल स्तर शुक्रवार की शाम 27.30 मीटर था.12 घंटे बाद यानी शनिवार की सबेरे यहां का जल स्तर स्थिर रहा है.
गंगा व कोसी नदी में उफान. गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में शनिवार को भी वृद्धि जारी रही. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी के रामायणपुर में शुक्रवार की शाम 23.89 मीटर दर्ज किया गया, जो शनिवार की सबेरे बढ़कर 24.07 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 26.73 मीटर दर्ज किया गया था,जो 12 घंटे बाद शनिवार की सुबह 26.86 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार की शाम 26.55 मीटर दर्ज की गयी. शनिवार की सबेरे यहां का जलस्तर बढ़ कर 26.60 मीटर हो गया.

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