सूरत-ए-हाल. श्रम संसाधन केंद्र से निबंधित निर्माण श्रमिकों का नहीं हुआ निबंधन
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योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे मजदूर
सूरत-ए-हाल. श्रम संसाधन केंद्र से निबंधित निर्माण श्रमिकों का नहीं हुआ निबंधन कटिहार : शहर के डेहरिया स्थित श्रम संसाधन केंद्र से निबंधित निर्माण श्रमिकों को नवीकरण नहीं हो पाने के कारण कई योजनाओं का लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ रहा है. श्रमिक विभाग का चक्कर काटते-काटते थक गये हैं. लेकिन उनका सुनने वाला […]
कटिहार : शहर के डेहरिया स्थित श्रम संसाधन केंद्र से निबंधित निर्माण श्रमिकों को नवीकरण नहीं हो पाने के कारण कई योजनाओं का लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ रहा है. श्रमिक विभाग का चक्कर काटते-काटते थक गये हैं. लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं है. नवीकरण नहीं किये जाने से श्रमिकों में आक्रोश व्याप्त है. विभाग की ओर से नवीकरण के लिए महीना में तीन दिन से दिल लगाना अनिवार्य है. लेकिन सूत्रों की माने तो अब तक वर्ष 2013, 14 के निबंधित श्रमिकों के लिए एक बार भी शिविर नहीं लगाया गया है. श्रमिकों ने आरोप लगाया की विभागीय कर्मी और बिचौलिये नवीकरण के नाम पर निबंधित श्रमिकों से राशि वसूल रहे हैं.
इतना ही नहीं विभागीय सूत्रों की माने तो श्रम संसाधन विभाग के 9 जनवरी 2017 के निर्देशानुसार नवीकरण शुल्क 50 पैसा प्रतिमाह की दर से सलाना छह रुपये लेने का प्रावधान किया गया है. इस विभागीय निर्देश का भी पालन नहीं किया जा रहा है. नवीकरण नहीं हो पाने के कारण कई योजनाओं का लाभ पाने से श्रमिक वंचित हो रहे हैं.
वर्तमान में भारत सरकार की ओर से चलायी जा रही है. योजना में अटल पेंशन योजना जिसमें 18 से 40 वर्ष के निबंधित निर्माण कामगार को पेंशन के लिए 12 सौ प्रीमियम का वहन बोर्ड द्वारा किया जाना अधिसूचित है. लेकिन श्रम संसाधन विभाग में इस योजना का कोई चर्चा ही नहीं है. मतलब कहां आवेदन जमा हो, इसकी प्रक्रिया क्या है. किसी भी प्रकार की जानकारी श्रमिकों को नहीं दिया जा रहा है. वही निबंधित निर्माण श्रमिकों के लड़की की शादी के लिए 50 हजार अनुदान की राशि विभाग की ओर से मिलता है. लेकिन इसका भी सही रूप से पूरा विवरण का पता श्रमिकों को नहीं चल पा रहा है.
श्रम संसाधन विभाग से कौन-कौन सी योजना चलती है. श्रम संसाधन विभाग की ओर से निर्माण कामगारों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. सर्वप्रथम इन कामगारों को योजना का लाभ लेने के लिए श्रम संसाधन केंद्र में निबंधित होना पड़ता है. उसके बाद उनको विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलता है. विभागीय योजनाओं की बात करें तो बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड योजना के तहत निर्माण श्रमिकों को औजार, साइकिल, भवन खरीददारी करने के लिए 15 हजार की राशि दी जाती है. जिसको वर्तमान में बढ़ा दिया गया है. निबंधन के एक साल पूरा होने के बाद राशि दिया जाता है. वर्तमान में इस को बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है. अन्य लाभ में श्रमिकों के असमायिक निधन पर 50 हजार विभागीय अनुदान, श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति समेत कई लाभ दिया जाते हैं. लेकिन नवीकरण नहीं होने के कारण इन योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल पा रहा है.
कहते हैं श्रमिक नेता. कंस्ट्रक्शन लेबर यूनियन इंटक के प्रदेश महामंत्री अर्जुन यादव ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग की ओर से नवीकरण के लिए महीने में तीन दिन शिविर लगाना है, लेकिन महीने में एक बार भी शिविर नहीं लगाया जाता है. श्रम संसाधन केंद्र से अनुदान के लिए जो सूची भेजी जाती है, वह क्रमबद्ध करके नहीं भेजी जाती है. इसके कारण गड़बड़ी की आशंका लगती है. तीन वर्ष से निबंधित श्रमिकों का सूची विभाग को नहीं भेजा जा रहा है. निबंधित श्रमिकों की संख्या लगभग दो हजार से ऊपर है.
श्रमिकों ने लगाया आरोप
पिछले तीन वर्षों से श्रम संसाधन केंद्र में निबंधित हो चुके कई श्रमिकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नवीकरण के नाम पर विभागीय कर्मचारी सुविधा शुल्क की मांग करते हैं. वहीं निबंधित श्रमिकों ने बताया कि सुविधा शुल्क देने के बावजूद भी नवीकरण नहीं किया गया है. जब नवीकरण की बात करते हैं. तो टालमटोल कर देते हैं.
कहते हैं विभाग के पूर्व मंत्री
बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के पूर्व मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी ने कहा कि निबंधित श्रमिकों को योजना का लाभ मिलेगा. पहले निबंधित होने के एक साल बाद योजना का लाभ मिलता था. वर्तमान में इसको बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है. यदि विभागीय कर्मी या फिर बिचौलिये निबंधित श्रमिकों से नवीकरण के नाम पर सुविधा शुल्क की मांग करते हैं, तो इस संबंध में विभागीय पदाधिकारी को अवगत कराते हुए कटिहार डीएम से जांच की मांग की जायेगी.
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