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मनमानी की भेंट चढ़े पौधे
रामपुर. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा के तहत हजारों पौधे, तो लगाये गये लेकिन, पौधों को सुरक्षित रखने के लिए एक भी सुरक्षा कवच नहीं लगाया गया. सरकार द्वारा सभी पंचायतों में मनरेगा या वन विभाग द्वारा लगाये जानेवाले सभी पौधों को गैबियन (सुरक्षा कवच) में सुरक्षित रखना था ताकि, पौधों को पशु या […]
रामपुर. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा के तहत हजारों पौधे, तो लगाये गये लेकिन, पौधों को सुरक्षित रखने के लिए एक भी सुरक्षा कवच नहीं लगाया गया. सरकार द्वारा सभी पंचायतों में मनरेगा या वन विभाग द्वारा लगाये जानेवाले सभी पौधों को गैबियन (सुरक्षा कवच) में सुरक्षित रखना था ताकि, पौधों को पशु या अन्य जीव-जंतु से बचाया जा सके.
सरकार की इस सोच को साकार करने में संबंधित विभाग द्वारा दिलचस्पी नहीं रखने से बहुत सारे पौधे नष्ट हो गये. विभागीय सूत्रों के अनुसार एक पौधा लगाने व जीवित रखने में सौ रुपये खर्च आता है. वनरक्षी से लेकर सिंचाई के साधन इन स्थलों पर लगाये जाते हैं. लेकिन, रणनीति के तहत काम नहीं होने से लगाये गये पौधे नष्ट हो गये. पौधों की देखभाल पर प्रतिवर्ष सरकार का प्रखंड स्तर पर रुपये खर्च होते हैं. इन पौधों की सुरक्षा के लिए सुरक्षापाल व सिंचाई के चापाकल भी लगाये जाते हैं. अनदेखी के कारण कई पौधे सूख गये या फिर पशुओं ने उसे नष्ट कर दिया. इस वर्ष सबार पंचायत में पांच यूनिट के तहत पौधे लगाये गये थे़ अमाव पंचायत में आठ यूनिट व जलालपुर पंचायत में तीन यूनिट पौधा में पौधे लगे थे़ पिछले वर्ष भी मनरेगा द्वारा पौधों को बचाने के लिए सुरक्षा कवच नहीं लगाया गया और न ही इस वर्ष ही इस पर ध्यान दिया गया़ एक सप्ताह पूर्व हुई पंचायत समिति की बैठक में भी मनरेगा द्वारा लगाये गये पौधों को बचाने के लिए गैबियन लगवाने की मांग की गयी थी लेकिन, कुछ नहीं हुआ़
क्या कहते हैं पीओ
पौधे लगाने के एक माह के अंदर पौधों के सप्लायर को गैबियन लगाने के लिए कहा गया था लेकिन, ऐसा नहीं हुआ़ इसको लेकर उपविकास आयुक्त (डीडीसी) को पत्र लिख कर सप्लायर का पेमेंट रोकने की कोशिश की जायेगी.
नुरूल होदा, पीओ मनरेगा
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