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मोरविला से बचाव को लगेंगे टीके
स्वास्थ्य विभाग की पहल, भेंड़-बकरियों व चार महीनो ंके मेमनों का होगा टीकाकरण बिहार में पहली बार बीमारी से बचाव के लिए उठाया गया कदम भभुआ शहर. भेड़ और बकरियों में पायी जाने वाली बीमारी मोबिला वायरस संक्रामक है. यह किसी भेंड़ या बकरी को हो जाती है, तो अन्य भेंड़-बकरियों को इनसे दूर रखा […]
स्वास्थ्य विभाग की पहल, भेंड़-बकरियों व चार महीनो ंके मेमनों का होगा टीकाकरण
बिहार में पहली बार बीमारी से बचाव के लिए उठाया गया कदम
भभुआ शहर. भेड़ और बकरियों में पायी जाने वाली बीमारी मोबिला वायरस संक्रामक है. यह किसी भेंड़ या बकरी को हो जाती है, तो अन्य भेंड़-बकरियों को इनसे दूर रखा जाता है. इसका वायरस पशुओं में तेजी से फैलता है. पशुओं में यह बीमारी तो, लंबे समय से पायी जाती है लेकिन इसकी रोकथाम के लिए पहली बार पहल की गयी है. मंगलवार से टीकाकरण शुरू हो जायेगा.
जान का भी रहता है खतरा
पशुओं में यह बीमारी होने के बाद उनकी जिंदगी भी जा सकती है. पशुपालक ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते हैं उन्हें उनके चारे के लिए परेशानी होती है. मैदानी इलाकों में ऐसा नहीं होता. पहाड़ी इलाकों में इनके रहन-सहन और रखरखाव के कारण भी ज्यादातर बीमारियां होती हैं. पशुपालक इनकी सफाई पर ध्यान नहीं देते.
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