23 कोचिंग संस्थाओं को भेजा था नोटिस, नहीं मिला जवाबअवैध कोचिंग संस्थानों पर शिक्षा विभाग के कार्रवाई का दावा फुस्स प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मानक की अनदेखी कर कोचिंग संस्थानों का संचालन जारी है. कार्रवाई के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति से कोचिंग संचालकों के हौसले बुलंद हैं. गौरतलब है कि भभुआ सहित प्रखंडों व ग्रामीण इलाकों में भी कोचिंग का कारोबार तेजी से फैल रहा है. इन कोचिंग सेंटरों द्वारा न तो रजिस्ट्रेशन ही कराया जाता है और न ही मानकों का पालन होता है. अवैध कोचिंग संस्थानों की जांच का मामला ठंडे बस्ते में पहुंच जाने के चलते इनके हौसले बुलंद हैं. पूर्व में डीएम ने कोचिंग संस्थाओं की जांच व कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिया गया था. अगर पूरे जिले की बात करे, तो सैकड़ों कोचिंग संस्थान संचालित किये जा रहे हैं. लेकिन, जिला मुख्यालय स्थित 23 कोचिंग संस्थानों को शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया था. अवैध कोचिंग सेंटर से जुड़े मामले पर कई छात्रों द्वारा हाइकोर्ट में भी केस किया गया हैं. भेजे गये नोटिस का जवाब भी संस्थाओं ने देना मुनासिब नहीं समझा. जानकारी के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को नोटिस का तामिला करने के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. कोचिंग संचालन के लिए कोचिंग का रजिस्ट्रेशन बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण अधिनियम 2010 की धारा तीन की उपधारा दो के अंतर्गत कराना अनिवार्य है. अगर कोई कोचिंग संस्थान बिना निबंधन के चलाया जायेगा, तो उसके विरुद्ध बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण व अधिनियम के तहत कार्रवाई का प्रावधान है. नियमत: यह भी है कि इस अधिनियम के लागू होने के बाद कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैद्य निबंधन प्रमाणपत्र प्राप्त किये न तो स्थापित किया जायेगा और न ही चलाया जायेगा. अधिनियम के आलोक में सभी कोचिंग संस्थानों का निबंधन कराना और तय मानकों को पूरा करना है.सौ प्रतिशत सफलता की गारंटी, पर सुविधा नदारद चकबंदी रोड कोचिंगों का हब है. वहीं सभी चौक-चौराहों पर भी बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग संस्थाओं का संचालन नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा है. कई कोचिंग संस्थानों में न तो शुद्ध पेयजल, साइकिल स्टैंड सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी है, लेकिन सफलता की सौ प्रतिशत गारंटी जरूर है. साइंस, आर्ट्स व काॅमर्स सहित सरकारी विभाग के नौकरियों में सफलता की पूरी गारंटी दी जाती है. क्या कहते हैं छात्र एसवीपी कॉलेज के छात्र विवेकानंद पटेल का कहना है कि नियमों की अनदेखी कर कोचिंग संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है. सुविधाओं की काफी कमी है. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी के जनता दरबार से लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की है. वहीं कॉलेज टाइम पर कोचिंग का संचालन होने से स्टूडेंट्स को काफी परेशानी होती है.कहते हैं अभिभावक अभिभावक विजेंद्र कुमार का कहना है कि कॉलेजों में नियमित रूप से पढ़ाई होती नहीं. मजबूरी में बच्चों को कोचिंग में पढ़ाना पड़ रहा है. कोचिंग संस्थाओं में सुविधाओं का अभाव है, पर फीस में कोई कटौती नहीं की जाती.क्या बोले अधिकारी प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्यनारायण प्रसाद ने बताया कि अभी हाल में ही मैंने पदभार ग्रहण किया है. कोचिंग एक्ट के नियमों की अनदेखी व बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे कोचिंग संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई होगी. पहले से दिये गये नोटिस का जवाब नहीं देने वाले कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई होगी. फोटो: 2.छात्र-विवेकानंद, अभिभावक-विजेंद्र कुमार
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23 कोचिंग संस्थाओं को भेजा था नोटिस, नहीं मिला जवाब
23 कोचिंग संस्थाओं को भेजा था नोटिस, नहीं मिला जवाबअवैध कोचिंग संस्थानों पर शिक्षा विभाग के कार्रवाई का दावा फुस्स प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मानक की अनदेखी कर कोचिंग संस्थानों का संचालन जारी है. कार्रवाई के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति से कोचिंग संचालकों के हौसले बुलंद हैं. […]
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