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तीन घंटा के लिए आया पानी, फिर बंद हो गया कैनाल

तीन घंटा के लिए आया पानी, फिर बंद हो गया कैनाल फ्लैैग…हाइकोर्ट की सुनवाई के बाद इंजीनियरों की टीम पहुंची जैतपुरा कैनाल तीन में से एक ही कैनाल हो सका चालू प्रतिनिधि, नुआंव (कैमूर) प्रखंड क्षेत्र के पांच हजार एकड़ फसलों को सिंचित करनेवाले 10 वर्षों से बंद पड़ी जैतपुरा पंप कैनाल को चालू करने […]

तीन घंटा के लिए आया पानी, फिर बंद हो गया कैनाल फ्लैैग…हाइकोर्ट की सुनवाई के बाद इंजीनियरों की टीम पहुंची जैतपुरा कैनाल तीन में से एक ही कैनाल हो सका चालू प्रतिनिधि, नुआंव (कैमूर) प्रखंड क्षेत्र के पांच हजार एकड़ फसलों को सिंचित करनेवाले 10 वर्षों से बंद पड़ी जैतपुरा पंप कैनाल को चालू करने की कवायद एक बार फिर विभाग द्वारा शुरू की गयी. गुरुवार की सुबह कैनाल पर रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक सिंह व अधिकारियों की टीम पहुंची और रामगढ़ व नुआंव के कई फीडरों की बिजली को काट कर कैनाल के तीन में से एक कैनाल को चालू कराया. लेकिन, तीन घंटे बाद बिजली के ट्रीप करते ही कैनाल बंद हो गया और विभाग के लोग एक बार फिर से लो-वोल्टेज का हवाला देते हुए मशीन नहीं चलने की बात कही. गौरतलब है कि करीब 10 वर्षों से बंद पड़े इस कैनाल को चालू करने के लिए एक करोड़ 85 लाख 85 हजार रुपये की लागत से वर्ष 2011 के मार्च महीने तक कैनाल को चालू करना था, लेकिन यह नहीं हो सका. कैनाल चालू नहीं होने को लेकर जैतपुरा के किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में छह बार गुहार लगायी. इतना ही नहीं कैनाल को चालू करने को लेकर वर्ष 2013 में जदयू के जिलाध्यक्ष रह चुके अशोक सिंह पूर्व डीएम अरविंद कुमार के साथ पहुंचे थे. वर्ष 2013 में पूर्व बक्सर सांसद जगदानंद सिंह वे तत्कालीन विधायक अंबिका यादव भी पहुंच चुके हैं. वर्ष 2014 के जून माह में जब कैनाल चालू नहीं हुआ, तो यहां के ग्रामीणों ने कैनाल पर पहुंचे पदाधिकारियों को रोक कर रखा और कहा जब तक कैनाल चालू नहीं होगा जाने नहीं देंगे. तब बक्सर सांसद अश्विनी चौबे के आश्वासन पर ग्रामीणों ने अधिकारियों को छोड़ा था. सांसद ने कैनाल पर पहुंच जनता दरबार लगा कर अधिकारियों को फटकार लगायी. सैकड़ों ग्रामीणों के समक्ष यह प्रण किया था कि कैनाल को चालू कराये बगैर इस गांव का पानी नहीं पिऊंगा. हालांकि इसके बाद भी कैनाल चालू नहीं हुआ. राजनीतिक वादों से परेशान ग्रामीणों ने न्याय के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हद तो तब हो गयी जब गांव के किसान पंकज राय के आरटीआइ के तहत अक्तूबर 2014 में यह मालूम हुआ कि मैकेनिकल डिपार्टमेंट को एक करोड़ 15 लाख रुपये भुगतान कर दिया गया है. जब किसान पंकज राय ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की, तो इसकी पहली सुनवाई चार दिसंबर व दूसरी 11 दिसंबर को तय की गयी. किसान पंकज राय, सुरेश पासवान, झुन्ना राय, रामकृत कुशवाहा की मानें तो कोर्ट की सुनवाई को लेकर कंपनी के लोग आनन-फानन में कैनाल चालू कराने में लगे हैं. वहीं मौके पर पहुंचे विधायक अशोक सिंह ने कहा कि कैनाल में लगे लंबे आकार के पंप होने से भी जब तक पानी चलता नहीं तब तक ठीक नहीं माना जायेगा. पता चला है कि एक पंप का पाइप फटा है व दूसरे पंप के स्टार्टर का फ्यूज खराब है. फोटो………….14.पंप कैनाल से पानी चालू कराते पदाधिकारी 14.नहरों में पानी का निरीक्षण करते स्थानीय विधायक

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