मनुष्य को करनी चाहिए कर्म की चिंता वृंदावन से आये कथा वाचक कर रहे श्रीमद् भागवत कथा पर प्रवचन रामगढ़ (कैमूर) मनुष्य को फल की नहीं कर्म की चिंता करनी चाहिए. भक्ति की अाराधना से ही शक्ति का वास होता है. आध्यात्मिक मूल्यों की गाथा निहितार्थ होती है. नास्तिक व्यक्ति कभी भी समाज एवं देश का हितैषी नहीं हो सकता. अध्यात्मिक प्रवचन सुनने से ही मानव जीवन भव बाधा से दूर हो जाता है. उक्त बातें डहरक गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार की शाम वृंदावन से आये पंडित अनुराग कृष्ण शास्त्री ने अपने प्रवचन के दौरान कहीं. उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा के सभी कांडों को विस्तार पूर्वक सुनाते हुए कहा कि श्रद्धा, भाव, प्रेम जीवन की सबसे बड़ा लक्ष्य है. प्रेम से ही जीवन सहज एवं सरल बन जाती है.परंपरागत पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के बदौलत ही मनुष्य अपने लक्ष्य को पा सकते हैं. वहीं, ज्ञान के आलोक में लाखों नर नारी कृयात्मक साधना अभ्यास करा कर आत्मिक जीवन में शांति की अनुभूति प्राप्त कर रहे हैं. समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कुछ भी प्राप्त नहीं होता है. श्रीमद् भागवत कथा के आयोजनकर्ता राम दुलार तिवारी द्वारा अपने पूर्वजों को तर्पण एवं गया पिंडदान की कार्य संपन्न होने के बाद करायी गयी. कार्यक्रम के दौरान मनुहारी झांकी भी प्रस्तुत की गयी………………फोटो……………..9.प्रवचन सुनाते कथावाचक ……………………………….
BREAKING NEWS
मनुष्य को करनी चाहिए कर्म की चिंता
मनुष्य को करनी चाहिए कर्म की चिंता वृंदावन से आये कथा वाचक कर रहे श्रीमद् भागवत कथा पर प्रवचन रामगढ़ (कैमूर) मनुष्य को फल की नहीं कर्म की चिंता करनी चाहिए. भक्ति की अाराधना से ही शक्ति का वास होता है. आध्यात्मिक मूल्यों की गाथा निहितार्थ होती है. नास्तिक व्यक्ति कभी भी समाज एवं देश […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement