भभुआ (कार्यालय) : जिले की 20 पंचायतों में इस वित्तीय वर्ष 2015-16 में अप्रैल से लेकर अक्तूबर तक मनरेगा के तहत मजदूरों को एक भी दिन काम नहीं मिला है. इसको लेकर उप विकास आयुक्त सुनील कुमार ने जिले के नौ प्रखंड भभुआ, रामगढ़, भगवानपुर, रामपुर, चैनपुर, चांद, मोहनिया, नुआंव व दुर्गावती के कार्यक्रम पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है.
उपविकास आयुक्त द्वारा मनरेगा के एनआइएस समीक्षा में पाया गया कि 20 पंचायतों में मजदूरों को एक भी दिन काम नहीं मिला है. डीडीसी ने बताया कि जिस पंचायत में मनरेगा के तहत दो महीनों तक काम करने के लिए मजदूर नहीं आते हैं. वहां तीसरे महीने मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी को उक्त पंचायत में कैंप कर उन्हें मनरेगा कार्य में हिस्सा लेने के लिए जागरूक करना है. लेकिन, यहां मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इससे यह स्पष्ट होता है कि कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं. इसे लेकर उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. गौरतलब है कि रोजगार गारंटी के तहत मनरेगा अंतर्गत मजदूरों को काम उपलब्ध कराया जाता है.
लेकिन लापरवाही के कारण 20 पंचायतों में मजदूरों को एक भी दिन काम नहीं मिला है. जिन प्रखंडों के पंचायत में नहीं मिला काम प्रखंड®पंचायत भभुआ®बेतरीभगवानपुर®जैतपुर व सरैंयाचैनपुर®अमाव, बिउर मानपुर, हाटा,करजांव,सिकंदरपुर व उदयरामपुरचांद®बिउरी, गोई व चांदमोहनिया®डंडवासरामगढ़®बंदीपुर,देवहलिया व सहुकानुआंव®नुआंव व तरैथादुर्गावती®कर्णपुरा व खड़सरानोट : जिले की 16 पंचायतों में मजदूरों को 200 दिन से कम काम मिला है