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डॉक्टर गायब, डेढ़ घंटे तक तड़पते रहे मरीज
सदर अस्पताल में एक बार फिर सामने आयी कुव्यवस्था भभुआ (सदर) : सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी अस्पताल की गंदगी, तो कभी ओपीडी से चिकित्सक का गायब रहना. अस्पताल की कु व्यवस्था एक बार फिर शनिवार की देर शाम देखने को मिली, जब सड़क दुर्घटना में […]
सदर अस्पताल में एक बार फिर सामने आयी कुव्यवस्था
भभुआ (सदर) : सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कभी अस्पताल की गंदगी, तो कभी ओपीडी से चिकित्सक का गायब रहना. अस्पताल की कु व्यवस्था एक बार फिर शनिवार की देर शाम देखने को मिली, जब सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दो मरीजों को इलाज के लिए डेढ़ घंटे तक चिकित्सक का इंतजार करना पड़ा. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक नदारद थे. घायलों के परिजन डॉक्टरों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे.
काफी प्रयास के बावजूद अस्पताल में तैनात चिकित्सक नहीं मिले.
भभुआ-चांद रोड पर हुआ था हादसा: घटना शनिवार की देर शाम की है, जब सोनहन थाना क्षेत्र के बाघी गांव के रहनेवाले चाचा व भतीजा दिनेश सिंह (52 वर्ष) व कुंडल सिंह (38 वर्ष) अपने गांव से बाइक से शादी में पिपरियां गांव जा रहे थे. इसी दौरान भभुआ-चांद रोड पर स्थित खरीगावां बाजार के पास एक अज्ञात ट्रैक्टर की चपेट में आकर बुरी तरह से घायल हो गये. घायल लोगों को इलाज के लिए तत्काल भभुआ सदर अस्पताल लाया गया. लेकिन, यहां आने पर उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. चिकित्सक की गैर मौजूदगी में उन्हें मानदेय कर्मी से बिना चिकित्सकीय सुविधा के मरहम पट्टी करवाना पड़ा.
डीएम ने किया सिविल सजर्न को फोन : सड़क दुर्घटना में घायल हुए कुंडल सिंह के एक अन्य चाचा हीरा सिंह ने इसकी सूचना अस्पताल उपाधीक्षक को फोन पर दी. लेकिन, उन्होंने कहा कि वह बाहर हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल के चिकित्सक को वह केवल फोन ही न कर सकते हैं.
इलाज नहीं कर सकते. अस्पताल उपाधीक्षक से बात करने पर भी जब कोई राह नहीं मिली, तो मरीज के परिजनों ने जिला पदाधिकारी को फोन कर वहां की वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगायी. इसके बाद डीएम ने तत्काल घायल मरीज को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएस को निर्देश दिया. डीएम के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधन नींद से जागा और सीएस के निर्देश पर चिकित्सकों की टीम सदर अस्पताल पहुंची तब घायलों का इलाज हुआ.
शनिवार को आपातकालीन कक्ष में दो बजे दोपहर से रात नौ बजे तक डॉ विनोद कुमार की ड्यूटी थी. लेकिन, वह नदारद थे. डीएम की कार्रवाई व हस्तक्षेप के बाद अस्पताल में उस वक्त एसीएमओ डॉ श्रीनाथ, डॉ केएन तिवारी, डॉ आरके पांडेय व डॉ विनोद कुमार पहुंच गये और घायलों का इलाज शुरू किया.
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