समाहरणालय गेट के पास अनिश्चितकालीन हड़ताल के 33 वें दिन महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉ प्रेमचंद्र पासवान व नियोजित न्याय मोरचा के संयोजक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों की हड़ताल मांगे पूरी होने तक जारी रहेंगी. सोमवार को प्रदेश महासंघ के आह्वान पर कैमूर जिले के सभी 11 प्रखंडों के नियोजित शिक्षकों ने मांगों के समर्थन में हड़ताली मंच पर एकत्रित हुए. दोपहर दो बजे से समाहरणालय गेट से हजारों शिक्षक शहर के एकता चौक होते हुए सदर थाने में पहुंच अपनी गिरफ्तारी दी. शहर भ्रमण के दौरान शिक्षकों ने सरकार पर तानाशाही रवैये का आरोप लगा जमकर नारेबाजी की.
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33 दिनों से जारी है शिक्षकों की हड़ताल, थाने में गिरफ्तारी देने पहुंचे शिक्षक
भभुआ / रामगढ़: सोमवार को हड़ताली शिक्षकों ने वेतनमान की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए सदर थाने में अपनी गिरफ्तारी दी. हजारों की संख्या में हड़ताली शिक्षक अपनी मांग को लेकर एकजुट दिखे. समाहरणालय गेट के पास अनिश्चितकालीन हड़ताल के 33 वें दिन महासंघ के जिलाध्यक्ष डॉ प्रेमचंद्र पासवान व नियोजित न्याय मोरचा के संयोजक […]
भभुआ / रामगढ़: सोमवार को हड़ताली शिक्षकों ने वेतनमान की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए सदर थाने में अपनी गिरफ्तारी दी. हजारों की संख्या में हड़ताली शिक्षक अपनी मांग को लेकर एकजुट दिखे.
एक साथ आये सभी प्रखंडों के शिक्षक
जेल भरो आंदोलन के दौरान जिले के सभी 11 प्रखंडों के हड़ताली शिक्षक शामिल हुए सभी प्रखंडों के नियोजित शिक्षक-शिक्षिका जेल भरो आंदोलन में महासंघ के संयोजक प्रवीण कुमार, अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद्र पासवान, अनुमंडल अध्यक्ष बदरी प्रसाद, जिला सचिव प्रह्वाद सिंह व धर्मचंद के नेतृत्व में सदर थाने में गिरफ्तारी देने पहुंचे. इसमें भभुआ प्रखंड का नेतृत्व रामनारायण सिंह, भगवानपुर का दिनेश सिंह व अशोक पांडेय, चैनपुर का संतोष कुमार, दुर्गावती का रमेश सिंह, मोहनिया का मदन कुमार सिंह, रामपुर का अभय कुमार गुप्ता व मनोज पासवान, रामगढ़ का संजय सिंह व जय बिंद सिंह, अधौरा का मुन्ना प्रसाद व चांद प्रखंड का नेतृत्व माला देवी ने किया.
वेतनमान लेकर ही विद्यालय जायेंगे
वेतनमान की मांग पर अड़े हड़ताली शिक्षक ने सोमवार को एक स्वर में कहा कि 33 दिन से बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. इस वजह से 77 हजार विद्यालय बंद पड़े हैं. इस विकट समस्या की घड़ी में मुख्यमंत्री चुनावी गंठबंधन के लिए दिल्ली का दौरा कर रहे हैं. शिक्षकों व छात्रों के भविष्य को देखते हुए जल्द से जल्द मांगों को स्वीकार करना होगा, ताकि स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य सुचारु रुप से हो सके. शिक्षकों ने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री वेतनमान की घोषणा करते हैं, तो लिखित रुप से एक जुलाई से वेतनमान की घोषणा करें.
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