भभुआ (सदर) : एक बार पुन: गुरुवार की दोपहर लोगों की जेहन में खैरा हादसे की याद कौंध गयी. लगभग आठ माह पूर्व 24 जून की रात खैरा गांव में एक शादी समारोह में ही एक मकान का छज्जा गिरने से छह लोगों की मौत हो गयी थी. तब लगभग 40 लोग घायल हो गये थे.
ऐसा लगा, मानो गुरुवार को उस हादसे की पुनरावृत्ति हो गयी हो. भभुआ शहर के वार्ड नंबर 14 स्थित आंबेडकर नगर में. यहां भी शादी से पूर्व छेंका में गीत गाने के लिए मकान की छत पर महिलाओं की भीड़ क्या बढ़ी कि छज्जा ही टूट कर गिर पड़ा. इसमें खबर लिखे जाने तक चार लोगों की मौत हो चुकी थी और लगभग डेढ़ दर्जन महिला व पुरुष घायल थे. कई की हालत नाजुक बतायी गयी है.
घायलों के इलाज के लिए डीएम ने करायी पैसे की व्यवस्था : खैरा हादसे में जहां पैसे के अभाव में इलाज नहीं होने के कारण कई लोगों ने दम तोड़ दिया था. पर, इस बार सब सावधान हो गये. घटना की सूचना मिलते ही हर तरह से व्यवस्था के लिए डीएम प्रभाकर झा व एसडीओ विकास कुमार जायसवाल तत्पर हो उठे. बनारस रेफर हुए घायलों के इलाज के लिए डीएम ने 50 हजार रुपये रेड क्रॉस के फंड से दिया. वहीं, नगर पर्षद द्वारा 10 हजार रुपये घायलों के इलाज के लिए नगर पर्षद के अध्यक्ष अमरदेव सिंह ने वार्ड पार्षद इलमवासी देवी को देकर बनारस भेजा. दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ता तक ने आर्थिक मदद देने को आगे आये और देखते ही देखते इनके सहयोग से पीड़ितों के लिए और 16 हजार रुपये एकत्र हो गये.
बनारस भेजी गयी प्रशासन व चिकित्सकों की टीम : घायलों के समुचित इलाज के लिए डीएम ने प्रशासन व चिकित्सकों की एक टीम को तुरंत बनारस भेज दिया. टीम में उप समाहर्ता फैय्याज अहमद, चैनपुर बीडीओ डॉ सत्येंद्र परासर, चिकित्सक डॉ श्याम कुमार व डॉ सिद्धार्थ को बनारस भेजा गया. डीएम ने उक्त अधिकारियों को आदेश दिया कि घायलों के इलाज में किसी तरह की परेशानी न उत्पन्न हो, इसकी वे लोग गारंटी करायेंगे. साथ ही किसी तरह की परेशानी व जरूरत होने पर सीधे उनसे (डीएम से) व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र से संपर्क कर बात करेंगे व समुचित इलाज की व्यवस्था करवायेंगे.
अपनों की तलाश में भटकते रहे लोग : घटना के बाद वार्ड नंबर 14 के सभी महिला-पुरुष अपनों की तलाश में सदर अस्पताल पहुंचे. अफरा-तफरी के उस माहौल में कोई अपने पिता को ढूंढ़ रहा था तो कोई अपनी मां-बहन को. अपनों को ढूंढ़ने में परिजन इमरजेंसी से लेकर जनरल वार्ड तक दौड़ लगा रहे थे. घटना में जिनके लोग मरे थे या घायल थे, उनकी चीख-पुकार और रूदन-क्रंदन से सब मर्माहत थे. इस घटना में जिनके लोग बाल-बाल बच गये थे, वे ईश्वर की शुक्रिया अदा कर रहे थे.