कर्मनाशा : दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर यूपी-बिहार सीमा के कर्मनाशा नदी पर नौबतपुर के पास 10 वर्ष पूर्व बने ब्रिज का पिलर टूट जाने के 58 दिन बाद भी पुल की मरम्मत का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जबकि तीन महीने बाद ही बरसात का मौसम शुरू हो जायेगा और कर्मनाशा नदी में उफान होने पर पुल के दोनों तरफ बने डायवर्सन रूट से वाहनों का आवागमन भी बंद हो सकता है. वाहनों का आवागमन जारी रखने के लिए पुल की मरम्मत बरसात से पहले होनी जरूरी है.
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एनएच दो पर फिर बंद हो सकता है वाहनों का आवागमन
कर्मनाशा : दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर यूपी-बिहार सीमा के कर्मनाशा नदी पर नौबतपुर के पास 10 वर्ष पूर्व बने ब्रिज का पिलर टूट जाने के 58 दिन बाद भी पुल की मरम्मत का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. जबकि तीन महीने बाद ही बरसात का मौसम शुरू हो जायेगा और कर्मनाशा नदी में […]
इसको लेकर लोगों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है. हालांकि सोमा कंपनी को पुल की मरम्मत का कार्य भार सौंपा गया है. लेकिन सोमा के पास संसाधन की कमी है. वह दूसरे कंपनी से पुल की मरम्मत का कार्य करायेगी. लेकिन अभी तक कुछ ही मरम्मत का सामान सरिया वगैरह वहां पर गिराया गया है.
बरसात आने में शेष हैं तीन माह : लेकिन अभी तक पुल मरम्मती का कार्य नहीं शुरू किये जाने से लोगों में चर्चा का विषय बनने लगा है कि अगर कंपनी द्वारा तत्काल कार्य शुरू नहीं किया गया, तो बरसात शुरू होने में केवल तीन माह का समय बचा है. इस अवधि में पुल की मरम्मत का कार्य कैसे संभव हो पायेगा. अगर बरसात से पहले पुल मरम्मत का कार्य नहीं हुआ, तो वाहनों का आवागमन पुनः बंद हो सकता है.
क्या कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश सिंह का कहना है कि सोमा कंपनी को जिम्मेदारी दी गयी है. लेकिन सोमा कंपनी के पास उतना संसाधन इस समय मौजूद नहीं है. वह दूसरे कंपनी से ही कार्य करायेगी. कंपनी के लोग दो दिन पहले यहां आ गये हैं. वे ठहरने के लिए आवास की तलाश कर रहे हैं. इसको लेकर एनएचएआइ काफी गंभीर हैं.
28 दिसंबर को टूटा था पुल, थम गये थे वाहनों के पहिये
कर्मनाशा नदी पर 10 वर्ष पूर्व बने ब्रिज का पिलर 28 दिसंबर को टूट गया था. उसके बाद एनएचएआइ द्वारा पुल से वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया. इससे वाहनों का चक्का जहां-तहां थम गया और देश के कई राज्यों से संपर्क टूट गया था. वाहनों का परिचालन एनएच टू से बंद हो जाने से वाहन चालक, मालिक, व्यापारियों में हाहाकार मच गया था.
हालांकि, कुछ दिनों बाद एनएचएआइ द्वारा पुल के दोनों तरफ डायवर्सन रोड बनाकर वाहनों का आवागमन शुरू करा दिया गया और डायवर्सन रूट से यूपी व बिहार की तरफ से आने वाले वाहनों का परिचालन तभी से जारी है. लेकिन डायवर्सन रूट से बरसात से पहले तक ही वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी रहने की संभावना जतायी जा रही है.
पटना में हुई मीटिंग में लिये गये थे कई निर्णय
बरसात हो जाने के बाद जब कर्मनाशा नदी में पानी भर जायेगा, तो डायवर्सन रूट से वाहनों का आवागमन बंद हो सकता है. इसे देखते हुए छह फरवरी को एनएचएआइ के अधिकारियों की पटना में मीटिंग हुई और यह निर्णय लिया गया कि सोमा कंपनी ही टूटे हुए पुल की मरम्मत करेगी और बरसात से पहले पुल की मरम्मत पूर्ण कर लेगी और निर्देश दिया गया कि सोमा कंपनी तत्काल मरम्मत का कार्य शुरू कर देगी. साथ ही पुल के दोनों तरफ तीन-तीन लेन का ब्रिज भी बनाने की जिम्मेदारी सोमा को सौंपी गयी. मीटिंग के बाद कंपनी द्वारा पुल मरम्मती कार्य के लिए वहां कुछ सरिया वगैरह गिराया गया.
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