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किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है डायबिटीज : डीएम

भभुआ सदर : विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर गुरुवार को सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने किया. मौके पर सीएस डॉ अरुण कुमार तिवारी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह, डीपीएम धनंजय शर्मा, डॉ अनिल कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे. मधुमेह […]

भभुआ सदर : विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर गुरुवार को सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने किया. मौके पर सीएस डॉ अरुण कुमार तिवारी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह, डीपीएम धनंजय शर्मा, डॉ अनिल कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे.
मधुमेह दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कई लोगों की मुफ्त में मधुमेह की जांच की गयी. सदर अस्पताल के ओपीडी परिसर के बाहर आयोजित कार्यक्रम के दौरान डीएम ने कहा कि अव्यवस्थित खानपान, दिनचर्या व तनावपूर्ण जीवन शैली के कारण बहुत से लोगों को मधुमेह की बीमारी हो जाती है.
इसलिए फिलहाल की स्थिति में किसी भी उम्र के व्यक्ति को डायबिटीज हो सकता है. डीएम ने कहा कि जन्म के बाद और मृत्यु के पूर्व चिकित्सक व स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बच्चों को कल का भविष्य बताते हुए कहा कि नयी पौधे को इस घातक बीमारी से बचाने की आवश्यकता है.
इसके लिए स्वयं व परिजन को भी स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा. तनावमुक्त जीवन के लिए ध्यान और योग का सहारा लेने की सलाह दी. उन्होंने युवाओं के कंप्यूटर और मोबाइल से चिपके रहने की बुरी आदत को घातक बताया. कहा कि आधुनिक तकनीक का जरूरत भर ही इस्तेमाल करें.
वहीं, सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार तिवारी ने मौजूद लोगों को डायबिटीज के प्रारंभिक लक्षण, दुष्प्रभाव व उपचार के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अपने देश में मधुमेह का तेजी से फैलाव चिंता का विषय है. आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर डायबिटीज के 203 मरीज पाये जाते हैं.
अमूमन प्रत्येक घर में डायबिटीज का एक मरीज पाया गया है. प्रति वर्ष लाखों लोग इससे असमय मर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टीबी और डायबिटीज एक-दूसरे के पूरक हैं. नियंत्रण के लिए जांचो के बाद पूरे कोर्स की दवा का सेवन अनिवार्य होता है.
गौरतलब है कि मधुमेह या शुगर की बीमारी हो जाने पर माना जा रहा है कि इसका ऐसा कोई इलाज नहीं है कि यह हमेशा के लिए खत्म हो जाये. मधुमेह की बीमारी हो जाने पर व्यक्ति को अनुशासित होकर जीवनयापन करना पड़ता है. इसलिए लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रसित न हों, इसके प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है.

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