भभुआ कार्यालय : अतिक्रमण को लेकर डीएम व एसपी के नेतृत्व में पुलिस व संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ प्रत्येक महीने बैठक की जाती है और उस बैठक में अतिक्रमण हटाने को लेकर हर महीने अभियान चलाने व अतिक्रमणकारियों पर जुर्माना करने सहित कई तरह के निर्णय लिये जाते हैं. लेकिन, उस निर्णय का भभुआ शहर में कोई असर नहीं दिख रहा है.
बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुपालन के लिए पुलिस व नगर पर्षद को जो आदेश डीएम व एसपी द्वारा दिये जाते हैं. उसकी सिर्फ खानापूर्ति ही करता नगर पर्षद नजर आता है. हालात यह है कि शहर में पुराने जगहों पर अतिक्रमण तो है ही, साथ ही दिन-प्रतिदिन अतिक्रमणकारी शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर नये-नये जगहों पर अपना कब्जा जमाते जा रहे हैं. हालिया दिनों में अतिक्रमण हटाने को लेकर बड़े-बड़े अभियान चलाने के दावे किये गये. लेकिन, शहर का ऐसा कोई चौक-चौराहा नहीं है, जहां अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जे से उस जगह को मुक्त कराया गया हो.
जिन नयी जगहों पर अतिक्रमणकारी कर रहे हैं अवैध कब्जा : शहर के एकता चौक को नो वेंडर जोन घोषित किया गया है. उसी तरह से गर्ल्स हाइस्कूल जानेवाले रास्ते में सब्जीमंडी रोड पर पहले से अवैध कब्जा चला आ रहा है. उक्त दोनों जगहों से अतिक्रमण हटाने के लिए हर बैठक में निर्णय लिया गया. लेकिन, अब तक वहां से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका.
हां, इतना जरूर है कि अतिक्रमणकारियों ने नये जगहों पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है. पोस्ट ऑफिस कार्यालय के सामने अवैध सब्जीमंडी लगना शुरू हो गया है. इसके अलावे वहां पर कई तरह के ठेला खोमचावाले रोड के किनारे फुटपाथ पर अपना कब्जा जमा लिये हैं. इससे वहां की सड़क सिकुड़ गयी है. उसी तरह से सदर अस्पताल के सामने बाउंड्री से सटे सड़क के किनारे अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर दुकान चलाया जा रहा है. अब वहां एक ईंच भी जमीन नहीं बची है. ताकि सड़क के किनारे अस्पताल जानेवाले लोगों की गाड़ी को पार्किंग किया जा सके. इसी तरह से जयप्रकाश चौक से पटेल चौक तक के सभी सब्जी विक्रेताओं को 2014 जयप्रकाश चौक से वन विभाग तक सड़क के पूरब तरफ फुटपाथ बना कर सब्जीमंडी के रूप में प्रशासन द्वारा जगह दिया गया.
कुछ दिन तक सब्जी विक्रेता वहां ठेला लगा कर सब्जी बेंच और अब धीरे-धीरे वे सब्जी विक्रेता एक बार फिर जयप्रकाश चौक से लेकर पटेल चौक से आगे तक सड़कों के किनारे ठेला लगा कर सब्जी बेचना शुरू कर दिया है. सब्जी विक्रेताओं के अलावे अन्य दुकानदार भी अपना ठेला वहां लगा कर फुटपाथ को अवैध रूप से कब्जा कर लिये हैं. इसके कारण उक्त स्थल पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. इस तरह से अतिक्रमणकारी रोज नये-नये जगह तलाश कर फुटपाथों पर अपना कब्जा जमाने में जुटे हुए हैं और प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करती नजर आ रही है.
सब्जी विक्रेताओं को जगह देने के नाम पर लाखों हुए खर्च : शहर के अतिक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले सब्जी विक्रेताओं को जगह देने के लिए गर्ल्स हाइस्कूल के बगल में बनी सब्जीमंडी को तैयार करने में नगर पर्षद ने लाखों रुपये खर्च कर दिये. वहां शेड लगाने से लेकर पानी, बिजली, शौचालय सभी चीजों की व्यवस्था की गयी. ताकि, सड़क पर लग रहे सब्जी विक्रेताओं को वहां जगह दे सड़क को उनके कब्जे से मुक्त कराया जाये. लेकिन, नगर पर्षद द्वारा खर्च किया गया लाखों रुपये भी बरबाद होता नजर आ रहा है.
उस सब्जीमंडी के तैयार होने के बावजूद एक भी सब्जी विक्रेता सब्जीमंडी में नहीं गये और अब भी गर्ल्स हाइस्कूल वाले रोड में अवैध सब्जीमंडी उसी तरह से लग रहा है.
कार्रवाई का सड़कों पर नहीं दिखता असर : डीएम व एसपी द्वारा जो अतिक्रमण को ले बैठक की जाती हैं. उस बैठक में जो भी निर्णय लिया जाता है. उसे अनुपालन करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया जाता है और अगली बैठक में उसका अनुपालन हुआ या नहीं इसके बाबत डीएम जानकारी लेते हैं. बैठक में लिये गये निर्णय व दिये गये आदेशों के अनुपालन के नाम पर संबंधित विभाग के अधिकारी महीने में एक-दो बार सड़कों पर उतर कौआ उड़ाने की तरह अतिक्रमणकारियों को हटा देते हैं.
लेकिन, फिर उसके अगले दिन वहीं स्थिति सड़कों पर बनी रहती है. हां, इतना जरूर है कि बैठक में लिये गये निर्णय व आदेश के अनुपालन के नाम पर उसी एक-दो दिन के कार्रवाई को बताया व दिखाया जाता है. लेकिन, शहर की सड़कों पर उसका कोई भी असर नहीं दिखता है.