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बसही व लहुरबारी पुल के पास हो रही बालू की अवैध निकासी

दुर्गावती व कुदरा नदी से बालू माफिया रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर बालू खोद रहे मोहनिया शहर : स्थानीय अनुमंडल के दुर्गावती व कुदरा नदी से बिना परमिशन के कई जगहों से बालू की अवैध निकासी की जा रही है. कुदरा प्रखंड के बसही पुल के पास बालू की अवैध निकासी बिना रोकटोक की जा रही है. […]

दुर्गावती व कुदरा नदी से बालू माफिया रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर बालू खोद रहे

मोहनिया शहर : स्थानीय अनुमंडल के दुर्गावती व कुदरा नदी से बिना परमिशन के कई जगहों से बालू की अवैध निकासी की जा रही है. कुदरा प्रखंड के बसही पुल के पास बालू की अवैध निकासी बिना रोकटोक की जा रही है. पुल के पास दोनों तरफ नदी से बालू निकाली जा रही है. यहां दर्जनों ट्रैक्टर लगा कर मजदूर व जेसीबी से बालू लोड किया जा रहा है. इसी तरह मोहनिया थाना क्षेत्र के लहुरबारी पुल के पास भी नदी से बालू की निकासी की जा रही. इसकी सूचना पर तीन दिन पहले खनन पदाधिकारी पहुंच ट्रैक्टर व जेसीबी को पकड़ थाना को सौंपा था. कुदरा थाना क्षेत्र के अमिरथा गांव के पास से कुछ लोगों द्वारा बालू की निकासी बिना रोकटोक की जा रही है.
लोगों की शिकायत पर कुदरा सीओ जांच की, जिसके बाद फिर बालू की निकासी शुरू हो गयी है. अवैध रूप से बालू निकासी के कारण सरकार को लाखों रुपये की क्षति हो रही है. इसमें ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण बालू कारोबारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. कुदरा प्रखंड स्थित नदियों से इन दिनों बालू खनन का काला कारोबार बिना रोकटोक जारी है. जबकि, पुलिस व प्रशासन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करती है. इससे बालू माफियाओं का हौसला बुलंद है. कुदरा और पुसौली के आधा दर्जन बालू निकासी के लिए घाट है, जिस घाट के दोनों तरफ दूरी निर्धारित है कि इस घाट से इतना दूरी में बालू की निकासी करनी है.
लेकिन, नियम के विरुद्ध जिस घाट से बालू निकासी का परमिशन नहीं है वहां से भी निकासी की जा रही है. दुर्गावती व कुदरा नदी से बालू के माफिया रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर बालू खोद रहे हैं. कई घाटों से बालू का अवैध कारोबार तेजी से चल रहा है. प्रतिदिन राजस्व विभाग को लाखों का चूना लगा कर खनन माफिया बालू की खुदाई कर रहे हैं.
अवैध निकासी से मालामाल हो रहे बालू माफिया
कुदरा व दुर्गावती नदी का बालू कभी सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देता था. बिहार सरकार के लिए आमदनी का यह बड़ा जरिया था, लेकिन बालू घाट अब माफियाओं के नोट छापने की मशीन बन कर रह गया है. सरकारी फाइलों में फिलहाल दुर्गावती और कुदरा नदी से बालू के उठाव कुछ घाट का ही परमिशन दिया गया है. लेकिन स्थानीय प्रशासन और बालू माफिया की मिलीभगत से बिना घाट परमिशन वाले जगह से बालू उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है. बालू के इस अवैध उठाव और बिक्री से सरकार को तो करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो ही रहा है. बालू माफिया मालामाल हो रहे हैं. नदी से अवैध बालू की बिक्री का यह कारोबार इतना आम है कि हर रोज दर्जनों गाड़ियां अवैध बालू लेकर कर गांव की सड़कों से होकर एनएच दो पर पहुंचती है.
नदी के पुलों के पास से बालू निकासी पर है प्रतिबंध
कुदरा व दुर्गावती नदी पुल के दोनों तरफ बालू की निकासी पर खनन विभाग द्वारा रोक लगाया गया है. नियम के अनुसार पुल के करीब एक किलोमीटर की दूरी में बालू की निकासी नहीं करनी हैं, लेकिन बसही पुल से लेकर बहुआरा पंप कैनाल के काफी पास से ही बालू की निकासी बिना रोकटोक की जा रही है. बालू की निकासी होने से पुल कमजोर हो जाता है, लेकिन पुल के पास काफी बालू रहता है. इससे कारोबारी बालू की निकासी कर मालामाल हो रहे हैं.
बोले खनन पदाधिकारी
इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया की जहां सूचना मिलती है कार्रवाई की जाती है. पिछले दिनों कई लोगों को अवैध बालू निकासी में पकड़ कर जेल भेजा गया हैं. फिर जानकारी मिली है. सभी जगहों पर छापेमारी कर कार्रवाई की जायेगी.

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