चैनपुर : कैमूर जिले के थाना क्षेत्र स्थित जगरिया गांव में एक युवक की गला दबा हत्या कर शव को खेतों में फेंकने का मामला प्रकाश में आया है. शुक्रवार की सुबह खेत में शव पड़ा देख गांव में सनसनी फैल गयी. उसकी पहचान जगरिया के ही रामबली पासवान के 15 वर्षीय बेटे दिलीप पासवान के रूप में की गयी. इस घटना की सूचना के बावजूद पुलिस के देर से पहुंचने के कारण लोगों में नाराजगी दिखी. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो लोगों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव उठाने से इन्कार कर दिया.
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चैनपुर में युवक की गला दबा हत्या
चैनपुर : कैमूर जिले के थाना क्षेत्र स्थित जगरिया गांव में एक युवक की गला दबा हत्या कर शव को खेतों में फेंकने का मामला प्रकाश में आया है. शुक्रवार की सुबह खेत में शव पड़ा देख गांव में सनसनी फैल गयी. उसकी पहचान जगरिया के ही रामबली पासवान के 15 वर्षीय बेटे दिलीप पासवान […]
इस घटना की बाबत पता चला है कि दिलीप गुरुवार की देर शाम करीब आठ बजे गांव में ही अपनी गुमटी (दुकान) से निकल कर गांव की दूसरी तरफ गया. लेकिन, रात तक वह घर नहीं लौटा. इस पर उसकी मां, दादी व सभी परिजन समझे कि गांव के ही काली मंदिर में चल रहे यज्ञ में प्रवचन सुनने गया होगा. इस बात को गंभीरता से नहीं लेते हुए सभी सो गये. लेकिन, जब सूर्योदय हुआ, तो परिवार का सूर्य अस्त हो चुका था. इस घटना की जानकारी लोगों को तब हुई,
जब शुक्रवार की सुबह मृतक के चाचा मुन्नू पासवान गांव के पूरब स्थित पावर सब स्टेशन की उत्तर तरफ शौच कर घर लौट रहे थे. उन्होंने दूर से देखा कि कोई युवक खेत में ब्लू जींस व पीले रंग की टी-शर्ट पहन कर सोया हुआ है. वह पास गये, तो स्तब्ध रह गये, क्योंकि वह
चैनपुर में युवक की…
उनका भतीजा दिलीप था, जो मृत पड़ा था. उसकी नाक व मुंह से खून निकलने का निशान पाया गया. उसकी जीभ बाहर की तरफ निकली हुई थी. वह अपने भतीजे की ऐसी हालत देख चिल्लाने लगे. इससे वहां काफी संख्या में लोग एकत्र हो गये. धीरे-धीरे दिलीप की हत्या की खबर उसके घर तक पहुंची, तो कोहराम मच गया.
सभी घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े. दिलीप की मां अपने पुत्र को बाहों में लेकर चीत्कार मार रोने लगी. इससे लोगों की आंखें भी भर आयीं. लोगों ने किसी से दुश्मनी नहीं होने की बात कही. वहीं, परिजनों ने दिलीप की हत्या गला दबा कर करने की बात कही. लेकिन, घटनास्थल पर किसी तरह की हाथापाई का सबूत नहीं होने के कारण किसी दूसरी जगह पर दिलीप की हत्या कर शव को यहां फेंकने की आशंका जतायी गयी.
घटना की सूचना पुलिस को दी गयी. लेकिन, पुलिस काफी देर से घटनास्थल पर पहुंची. इससे ग्रामीणों में आक्रोश पैदा हो गया. ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव को नहीं उठाने दिया. थानाध्यक्ष रविरंजन सिंह, एसआई सुभेंदु कुमार व एएसआई श्यामनंदन यादव के समझने के बावजूद लोग मुआवजे को लेकर अड़े रहे. काफी बहस के बाद घटनास्थल पर पहुंचे बीडीओ राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये देने की बात कही गयी.
इसके बाद ग्रामीणों ने शव उठाने दिया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, भभुआ भेज दिया. इस संबंध में थानाध्यक्ष रविरंजन सिंह ने कहा कि अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही घटना के कारण सामने आ पायेंगे. परिजनों ने अभी आवेदन नहीं दिया है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
जगरिया में गुरुवार की रात दुकान बंद कर गांव की दूसरी तरफ गया था दिलीप, खेत में मिला शव
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