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जननी बाल सुरक्षा योजना के लाभुकों को लाभ नहीं देने पर लगायी फटकार

निरीक्षण के दौरान सीएस ने अकाउंटेंट और मैनेजर की लगायी क्लास सीएस के सामने एक वर्ष पहले हुई डिलिवरी का पैसा नहीं मिलने की मिली शिकायत 60 लाख का काटा गया है चेक, लेकिन लाभुक के खाते में नहीं गया पेमेंट मोहनिया शहर : मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल का सीएस डॉ नंदेश्वर प्रसाद और डीपीएम डॉ […]

निरीक्षण के दौरान सीएस ने अकाउंटेंट और मैनेजर की लगायी क्लास

सीएस के सामने एक वर्ष पहले हुई डिलिवरी का पैसा नहीं मिलने की मिली शिकायत
60 लाख का काटा गया है चेक, लेकिन लाभुक के खाते में नहीं गया पेमेंट
मोहनिया शहर : मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल का सीएस डॉ नंदेश्वर प्रसाद और डीपीएम डॉ विवेक कुमार ने सोमवार को निरीक्षण किया. निरीक्षण में अनुमंडलीय अस्पताल के जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत हजारों लाभुकों को पैसे नहीं दिये जाने का मामला सामने आया, जिसमें सबसे गंभीर मामला यह आया कि रविवार और सोमवार को मिला कर कुल 11 महिलाओं का प्रसव हुआ. लेकिन, एक भी महिला का उक्त योजना के तहत लाभ नहीं मिल पाया है.
जबकि, नियमानुसार जैसे ही महिला का प्रसव होता है उसे उसी समय भुगतान करना है. निरीक्षण के दौरान कई माह से लगभग पांच हजार लाभुकों को अब तक राशि का भुगतान नहीं हो पाया है, जो यह आश्चर्य जताते हुए सीएस ने एकाउंटेंट रीमा तिवारी व मैनेजर सर्वेश कुमार की क्लास लगायी और एकाउंटेंट रीमा तिवारी से दो दिनों में बचे लोगों का भुगतान के लिए आदेश दिया. एकाउंटेंट से स्पष्टीकरण भी पूछा गया है.
दरअसल, निरीक्षण के दौरान लेबर रजिस्टर पर प्रसव महिलाओं के एकाउंट और डीटेल नहीं लिखा हुआ था, जिसमें एएनएम गुड़िया से सीएस ने पूछा कि लेबर रजिस्टर क्यों नहीं पूर्ण रूप से भरा गया है. इसमें लाभुक का एकाउंट नंबर भी भरा जाता है. एएनएम को मालूम भी नहीं था कि प्रसव के महिलाओं का एकाउंट नंबर भी भरा जाता है. यह देख सीएस हैरान रहे. इसके बाद प्रसव वार्ड में लोगों से सीएस ने पूछा कि आपलोगों का प्रसव हुआ और पैसा मिल गया, जिसपर सभी ने बताया कि नहीं.
इसी दौरान एक आशा ने सीएस से कहा कि एक वर्ष हो गये. लेकिन, अब तक हमारे दो महिलाओं का पैसा नहीं मिला, जिसमें मुन्नी देवी व बेबी देवी दोनों मोहनिया के ही निवासी है. इसके बाद सीएस ने एकाउंटेंट रीमा तिवारी से पूछताछ की, तब बताया गया कि बैंक अकाउंट नंबर दिया गया है वह स्पोर्ट ही नहीं ले रहा है. जननी बाल सुरक्षा योजना में लापरवाही देख सीएस ने काफी नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा कि एक एक वर्ष होने के बाद भी लोग पैसे के लिए चक्कर लगा रहे हैं. यह अच्छी बात नहीं है. इस पर दो दिनों के अंदर लाभुकों के खाते में पैसा भेज कर रिपोर्ट करें. इस दौरान अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार, अस्पताल प्रबंधक सर्वेश कुमार उपस्थित थे.
लाभुकों की जानकारी के लिए होगा दीवार लेखन : निरीक्षण के दौरान सीएस ने अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिया कि अस्पताल के नीचे से लेकर प्रसव कक्ष तक दीवार पर लिखवाये कि प्रसव के दौरान महिलाओं को अपने साथ आधार कार्ड और एकाउंट नंबर अवश्य लाये, जिससे तत्काल आशा और लाभुक के खाता में पैसा जा सके. निरीक्षण के दौरान यह भी मालूम हुआ कि कई ऐसी आशा है जिनका पैसा भुगतान हो गया और मरीज का पैसा का भुगतान भी नहीं हुआ, जो सोचने का विषय है. अस्पताल के निरीक्षण करने पहुंचे सीएस और डीपीएम को मालूम हुआ कि 60 लाख का चेक काट कर अभी तक लाभुकों के खाता में नहीं भेजा गया है.
सीएस के सामने उपाधीक्षक से उलझ गये डॉक्टर
अनुमंडलीय अस्पताल के निरीक्षण करने पहुंचे सीएस और डीपीएम जब ओपीडी में पहुंचे, तो वहां पर पहले से डॉ बदरुद्दीन व डॉ रजक मौजूद थे. इस दौरान सीएस से पहले डॉ बदरुद्दीन ने कहा कि यहां पर रात में जब कोई रेप केस में परेशानी होती है. यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. इस पर सीएस ने कहा कि यहां के अस्पताल उपाधीक्षक से मिल कर समस्या का निदान कर लीजिए,
जिस पर अब क्या था डॉ बदरुद्दीन द्वारा उपाधीक्षक पर आरोपों का बारिश सीएस के सामने ही करने लगे. डॉक्टर ने बिना वजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए सीएस के सामने उपाधीक्षक से उलझ गये. सीएस के सामने इसे देख डीपीएम ने ओपीडी से सभी मरीज को बाहर निकाले और दरवाजा को बंद कराया. इसे देख सीएस हैरान रह गये. उन्होंने कहा कि इस तरह अस्पताल नहीं चलेगा. आप लोग आपस में मिल कर रहिय.
बोले सीएस
सीएस डॉ नंदेश्वर प्रसाद ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत लाभुकों को मिलने वाले पैसा की जांच की गयी, तो स्थिति काफी खराब मिली. डॉक्टर व उपाधीक्ष के उक्त मामले के बारे में बताया कि यह आपस का मामला है, जिसे समझा बुझा कर ठीक कर लिया गया है.
विद्यालय में लिया जायजा
अनुमंडलीय अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सीएस ने मोहनिया शहर के प्रोजेक्ट शांति बालिका विद्यालय में डीपीएम विवेक कुमार और अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार के साथ पहुंच कर जायजा लिया, जिसमें उक्त विद्यालय के प्राचार्य से जानकारी ली कि कितने छात्राओं का एडमिशन है, जिसमें मालूम हुआ कि लगभग 800 बच्चे हैं, जिसमें 98 छात्रा को अल्बेंडाजोल का गोली खिलायी गयी है.

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