रतनी : बौद्ध महोत्सव को लेकर सुबह से ही घेजन बौद्धमठ को सजाया गया था. सुबह 10 बजे विभिन्न वाहनों से बौद्ध धर्मावलंबी पहुंच गये. साढ़े दस बजे बुद्ध मूर्ति की पूजा -अर्चना की गयी. ग्यारह बजे पूजन के उपरांत भोजन ग्रहण कर मंच पर पहुंची बौद्ध धर्मावलंबियों की टीम जहां छात्राओं ने स्वागत गान […]
रतनी : बौद्ध महोत्सव को लेकर सुबह से ही घेजन बौद्धमठ को सजाया गया था. सुबह 10 बजे विभिन्न वाहनों से बौद्ध धर्मावलंबी पहुंच गये. साढ़े दस बजे बुद्ध मूर्ति की पूजा -अर्चना की गयी.
ग्यारह बजे पूजन के उपरांत भोजन ग्रहण कर मंच पर पहुंची बौद्ध धर्मावलंबियों की टीम जहां छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया. बोधगया नगर पंचायत के अध्यक्ष अशोक भन्ते के द्वारा मंच का संचालन किया गया. तदोपरांत ब्रिटेन, म्यांनमार, बांग्लादेश, वियतनाम, रसिया, थाइलैंड, भिखनुतमंगु, चीन, तिब्बत, नूडेप सहित कई देशों से पहुंचे प्रतिनिधियों ने महात्मा बुद्ध के उपदेश से लोगों को रूबरू कराया. कार्यक्रम में महात्मा बुद्ध निर्माण समिति के अध्यक्ष विन्देश्वर पासवान, सचिव विकासचंद्र मिश्र, कोषाध्यक्ष अवघेश शर्मा के अलावा सभी सदस्य सक्रिय भूमिका निभा रहे थे.
महोत्सव में शिरकत करने आये विभिन्न देशों के बौद्धिष्टों ने कार्यक्रम की सराहना की.
यह जगह बहुत अच्छा है. यहां के वातावरण से मै बहुत खुश हूँ. यहां पहले भी बौद्धिष्ट फैमिली के साथ समय विताया है.
एलीना रसिया
भगवान बुद्ध का जन्म भारत में हुआ है लेकिन यहां जिस तरह बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार होना चाहिए था नहीं हुआ है.
यूं पइया लिंकारा
बुद्ध के अवशेष को बचाना मेरा दायित्व है. उनके शांति व सदभाव का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है.
पंजिम लामा
इस गांव को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एवं भगवान बुद्ध की जानकारी लोगों तक देना तथा वैसा वातावरण तैयार करना मेरा दायित्व है.
वर्सबोधी थावड़ा
बुद्ध की इस स्थली को नमन करता हूँ. यहां का विकास जरूरी है. यहां विकास होगा तब पर्यटक आयेंगे .
डाॅ कल्याण प्रिया
बुद्ध के ज्ञान को जन-जन तक प्रसार करना मेरा दायित्व है. विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधि से मिलकर यहां के विकास के लिए प्रयास करूंगा.
डाॅ बन्नाधारा