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संस्कारयुक्त शिक्षा जरूरी सरस्वती शिशु मंदिर में विभागीय विद्वत परिसर की संगोष्ठी

जहानाबाद,नगर : शहर के साहू धर्मशाला में संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में विभागीय विद्वत परिसर गया की संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व प्राचार्य डाॅ चंद्रभूषण शर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षण में हो रहे ह्रास एवं नैतिक पतन को रोकने के लिए इस तरह के संगोष्ठी […]

जहानाबाद,नगर : शहर के साहू धर्मशाला में संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में विभागीय विद्वत परिसर गया की संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व प्राचार्य डाॅ चंद्रभूषण शर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षण में हो रहे ह्रास एवं नैतिक पतन को रोकने के लिए इस तरह के संगोष्ठी का आयोजन होना आवश्यक है. भारतीय शिक्षण दर्शन में संस्कारयुक्त शिक्षा एवं परिवारयुक्त वातावरण बनाने की आवश्यकता है.

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रंगनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षा को राष्ट्रवाद के अवधारणा से जोड़ना जरूरी है. हम जो भी शिक्षा दे उसमें देशप्रेम, राष्ट्रभक्ति एवं आचरणवान बालक के निर्माण में सहायक पाठ्यक्रम को सम्मिलित करें. ताकि बच्चे नैतिक, ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ समाज के निर्माण में सहायक बने. नारी सशक्तिकरण विषय पर प्रकाश डालते हुए अनुराधा पाठक ने कहा कि नारी शक्ति का जागरण तभी संभव है जब वह शिक्षित हो एवं परिवार को शिक्षित करें. वर्तमान समय में नारी ही नारी के विकास में बाधक साबित हो रही है. क्योंकि दहेज प्रताड़ना,

परिवार विच्छेद एवं भौतिकतावाद के प्रति खिंचाव में नारी ही मुख्य कारण बन रही है .नारी को एकजुट होकर शिक्षित समाज का निर्माण करना नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना होगा. संगोष्ठी में विद्यालय के उपाध्यक्ष प्रो अच्चुतानंद तिवारी, मुकेश भारद्वाज आदि ने भी अपनी बातें रखी. विद्यालय के प्राचार्य राजेश कुमार द्वारा आगत अतिथिओं को सम्मान भेंट किया गया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन गया विभाग के विभाग प्रमुख ब्रह्मदेव प्रसाद ने किया .

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