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नगर पर्षद में कई पद पड़े हैं रिक्त

उपेक्षा. दायरा तो बढ़ा पर नहीं बढ़े कर्मी, खल रही है कर्मचारियों की कमी तहसीलदार कर रहे हैं टैक्स दारोगा का काम 54 साल गुजर जाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात खड़े रहते हैं वाहन, नहीं होता है उपयोग जहानाबाद : वर्तमान का नगर पर्षद और पूर्व का नगरपालिका का गठन 1962 में हुआ […]

उपेक्षा. दायरा तो बढ़ा पर नहीं बढ़े कर्मी, खल रही है कर्मचारियों की कमी

तहसीलदार कर रहे हैं टैक्स दारोगा का काम
54 साल गुजर जाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात
खड़े रहते हैं वाहन, नहीं होता है उपयोग
जहानाबाद : वर्तमान का नगर पर्षद और पूर्व का नगरपालिका का गठन 1962 में हुआ था. तब शहरी क्षेत्र की आबादी 25 हजार के करीब थी. कार्यालय को सुचारू ढंग से चलाने और शहर की गली मुहल्लों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 113 पद स्वीकृत किये गये थे. जिसमें 79 सफाईकर्मियों की संख्या थी. शेष कार्यालय कर्मी यथा प्रधान सहायक, एकाउन्टेंट, क्लर्क, वार्ड जमादार, तहसीलदार आदि पद स्वीकृत किये गये थे. पूर्व में जहानाबाद में नोटिफाइड एरिया कमेटी (अधिसूचित क्षेत्र समिति) का गठन हुआ था. 1962 में जब नगरपालिका का दर्जा मिला तो उक्त 113 पद स्वीकृत कर सुचारू ढंग से कार्य का निष्पादन करने की योजना थी लेकिन उस वक्त से हीं नगरपालिका में कर्मियों की जो कमी रही उसकी भरपायी आज तक नही हुई है.
नगरपालिका गठन के 44 वर्ष बाद वर्ष 2007 में नगर पर्षद का दर्जा दिया गया लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुई. फिलहाल नगर पर्षद के 33 वार्डों की जनसंख्या करीब एक लाख चार हजार हो गयी है. दायरा तो बढ़ा लेकिन नगर पर्षद के कार्यालय में कामधाम सुचारू ढंग से चले इसको सुधारने की दिशा में नगर विकास विभाग के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गयी. परिणाम यह है कि वर्तमान समय में कर्मचारियों की काफी कमी है. कार्यालय का काम काज प्रभार में चल रहा है. रिक्त पदों की भरपायी करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इतना ही नहीं शहर की सफाई के लिए उपलब्ध संसाधनों का भी समुचित ढंग से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. मानदेय पर बहाल कर्मचारियों के सहारे संसाधनों से काम लिया जा रहा है.
प्रभार में चल रहा है नगर पर्षद का कार्यालय :नगर पर्षद का कामकाज प्रभार में चल रहा है. कर्मचारियों की कमी से एक ही कर्मी पर अतिरिक्त काम का बोझ है. दिनों दिन कार्यों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. लेकिन रिक्त पदों की भरपायी करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. वर्तमान समय में प्रधान सहायक का पद खाली पड़ा हुआ है. इसके अलावा एकाउन्टेंट और टैक्स दारोगा के भी पद रिक्त हैं. कार्यालय के तहसीलदार टैक्स दारोगा के कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं. जबकि लिपिक के जिम्मे प्रधान सहायक और एकाउन्टेंट के पद की भी अतिरिक्त जिम्मेवारी है. उधर ड्राइवरों की बहाली नहीं होने से जैसे तैसे कार्यों का निष्पादन कर संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है.
सफाईकर्मी कर रहे हैं टेंपो टीलर चालक का काम :1962 में जब नगरपालिका का गठन हुआ था उस वक्त स्वीकृत 113 पदों में 79 सफईकर्मियाें के पद थे. जिसमें फिलहाल 34 स्थायी और 22 मानदेय पर बहाल सफाई कामगार हैं. जिनसे काम लिया जा रहा है. उस वक्त ड्राइवर का पद नहीं था. वर्तमान में नगर पर्षद के पास चार ट्रैक्टर, दो टेंपो टीलर, दो जेसीबी की व्यवस्था है. जिसका उपयोग सफाई कार्यों में किया जाता है. परंतु फिलहाल तीन ड्राइवरों में एक ही स्थायी चालक है दो मानदेय पर बहाल हैं. इसके अलावा दो टेंपो टीलर के लिए एक ही ड्राइवर हैं. एक सफाईकर्मी को टेंपो टीलर चलाने की इजाजत दी गयी है. जहां तक जेसीबी का सवाल है तो इस मामले में मानदेय पर एक ही चालक की व्यवस्था है.
नगर पर्षद कार्यालय परिसर में लगे वाहन.
तीन बार किया गया है विभागीय पत्राचार
नगर पर्षद कार्यालय में कर्मचारियों की स्थिति के सिलसिले में नगर विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसके आलोक में कर्मियों की कमी और रिक्त पदों के बारे में नगर विकास विभाग के पास तीन बार पत्राचार कर स्थिति से अवगत कराया गया है. कर्मचारियों की कमी खल रही है. रिक्त पदों की भरपायी किये जाने से कामकाज में निश्चित तौर पर तेजी आयेगी.
संजीव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर, पर्षद.

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